भोपाल। आज सोमवार 2 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजधानी भोपाल में स्थित प्रसिद्ध राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में छापेमारी की। केंद्रीय एजेंसी आरजीपीवी में 19.48 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के घर पहुंची। जांच अभी जारी है।
बता दें कि, आरजीपीवी में 19.48 करोड़ रुपए का फिक्स डिपोजिट घोटाला हुआ है। दस दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत ने उन्हें सरेंडर करने का निर्देश दिया है।
क्या था पूरा मामला
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल में राजपूत के आवास पर जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि आरजीपीवी से 19.48 करोड़ रुपए निजी खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इस मामले में भोपाल के गांधीनगर थाने में तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार, बैंक अधिकारी कुमार मयंक और तत्कालीन वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने राजपूत के घर पर जांच शुरू कर दी है। टीम ने उनके घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाए हैं। खबर लिखे जाने तक ईडी की टीम जांच में सक्रिय रूप से जुटी हुई है। आरोप आरजीपीवी खाते से ₹19.48 करोड़ ट्रांसफर करने के लिए नोटशीट में गलत जानकारी देने से जुड़े हैं। वहीं नोटशीट में दलित संघ सोहागपुर और कुमार मयंक के खातों को आरजीपीवी का बताया गया है। यह नोटशीट विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत ने तैयार की थी। यह खुलासा विश्वविद्यालय में 19.48 करोड़ रुपए की अनियमितताओं से संबंधित जांच रिपोर्ट से हुआ है।