झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होंगे. वह 30 अगस्त को रांची में BJP की सदस्यता ग्रहण करेंगे. दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के बागी वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने पर फैसला हुआ. इस बात की जानकारी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया X पर दी.
हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के प्रतिष्ठित आदिवासी नेता चंपाई सोरेन जी ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की. वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे. इससे पहले चंपाई सोरेन ने कहा था कि उनके पास कई ऑपशन हैं.
चंपाई सोरेन ने बताए थे ऑपशन
बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपाई सोरेन ने कहा था कि मेरे पास तीन ऑपशन हैं. उन्होंने कहा था कि ‘मैं राजनीति से संन्यास नहीं लूंगा. मैंने तीन विकल्प बताए थे, रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त. मैं रिटायर नहीं होऊंगा, मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है, तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा. चंपाई सोरेन ने 21 अगस्त को अपने आवास पर नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया था.
झारखंड में कितने प्रभावशाली हैं चंपाई सोरेन
विधानसभा चुनाव से पहले चंपाई सोरेन का ये कदम सत्तारुढ़ JMM के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. कोल्हान टाइगर के नाम से प्रसिद्ध चंपाई सोरेन पार्टी के संरक्षक शिबू सोरेन के बाद झामुमो में सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता थे. जब हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया तो चंपाई सोरोन को मुख्यमंत्री बनाया गया. कोल्हान क्षेत्र में चंपाई सोरेन की मजबूत पकड़ का इतिहास काफी पुराना है. उन्हें मजदूर वर्ग के नेता के रूप में जाना जाता है.
चंपाई सोरोन संथाल जनजाति से आते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक झारखंड की कुल 3 करोड़ 29 लाख 88 हजार 134 की आबादी में जनजातियों की भागीदारी 86 लाख 45 हजार 42 लोगों की है. चंपाई इस जनजाति के सबसे बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं. चंपाई सोरेन जिस कोल्हान रीजन से आते हैं, उस रीजन में सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम जैसे जिले आते हैं. इन तीन जिलों में विधानसभा की 14 सीटें हैं. 2019 के चुनावा में इस क्षेत्र में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था.
क्यों खपा हुए चंपाई सोरेन?
हिमंत सोरोन जब भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए तो चंपाई सोरेन का पार्टी की कमान सौंपी गई. चंपाई सरोन की अगुआई में नई सरकार का गठन हुआ. चंपाई सोरेन ने पिछले दिनों JMM बगावत कर दी थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें अपमानित किया गया. मुझे अपमानित करके मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था. इसी के बाद से उनके अगले रुख को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. उन्होंने BJP में शामिल होने को लेकर कहा था की वो सभी विकल्प पर विचार कर रहे हैं.