नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पोलैंड के दो दिवसीय दौरे पर है। जहां उन्होंने आज भारतीय समुदाय को संबोधित किया।इस दौरान उन्होंने विश्व को शांति का संदेश दिया, साथ ही कहा कि यह युद्ध का नहीं है।
पोलैंड की राजधानी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाए रखने की रही है लेकिन आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है। पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों से कहा, ‘भारत भगवान बुद्ध की विरासत की भूमि है। इसलिए भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। भारत की अवधारणा स्पष्ट है – यह युद्ध का युग नहीं है. भारत संघर्ष को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति में विश्वास करता है
उन्होंने 45 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के पोलैंड पहुंचने की बात का भी ज़िक्र किया। उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि कैसे उनके कार्यकाल में उन तमाम देशों से संबंधों को मज़बूती देने की कोशिश की जा रही है, जो अलग-अलग सरकारों के दौर में दशकों से नज़रअंदाज़ किए जाते रहे हैं।
पीएम मोदी ने यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत के समय जिस तरह से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकलने में पोलैंड ने मदद की, उसके लिए उन्होंने वहां की सरकार और वहां बसने वाले भारतीय समुदाय की सराहना की। गुजरात के नवानगर के जाम साहब का ज़िक्र करने उन्होंने बताया कि भारत और पोलैंड के संबंध किस ऐतिहासिक तौर पर जुड़े हैं। मोंटे कैसीनो की लड़ाई हो या फिर गुजरात के नव नगर में पोलैंड की शरणार्थियों को आश्रय देने की बात, भारत और पोलैंड दशकों से आपस में एक दूसरे के हितों का ख्याल रखते रहे हैं।
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि जब दो दशक पहले गुजरात में भूकंप आया था, तो पोलैंड सबसे पहले सहायता करने वाले देशों में से एक था। उन्होंने कहा, ‘पोलैंड के लोगों ने जाम साहब और उनके परिवार के सदस्यों को बहुत प्यार और सम्मान दिया है, और गुड महाराजा स्क्वायर इसका प्रमाण है। आज, मैंने डोबरी महाराजा स्मारक और कोल्हापुर स्मारक का दौरा किया है। इस अवसर पर मैं घोषणा करना चाहता हूं कि भारत ने जाम साहब स्मारक युवा कार्य कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है।’