रक्षाबंधन के बाद से भाद्रपद माह का प्रारंभ हो चुका है. इस समय भाद्रपद माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में पहली एकादशी का व्रत आने वाला है. इसे अजा एकादशी के नाम से जानते हैं. जो भी व्यक्ति अजा एकादशी का व्रत रखता है, उसे धन की कमी नहीं रहती है, आर्थिक संकट दूर होता है, साथ ही श्रीहरि की कृपा से उसके संतान पर कोई संकट नहीं आता है. इस व्रत को करने से आपको अपना खोया हुआ धन, संपत्ति, गुण आदि की प्राप्ति हो सकती है. इस व्रत को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र ने भी किया था.भाद्रपद की पहली एकादशी कब है? अजा एकादशी की पूजा का मुहूर्त और पारण समय क्या है?
भाद्रपद की पहली एकादशी 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद की पहली एकादशी के लिए आवश्यक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 29 अगस्त को 01:19 ए एम पर होगा और इस तिथि का समापन 30 अगस्त को 01:37 ए एम पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद की पहली एकादशी यानि अजा एकादशी 29 अगस्त को है. उस दिन ही व्रत रखा जाएगा.
2 शुभ योग में है अजा एकादशी व्रत
29 अगस्त को पड़ने वाले अजा एकादशी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. पहला शुभ योग यानि सिद्धि योग सुबह से लेकर शाम 6 बजकर 18 मिनट तक है. वहीं दूसरा योग यानि सर्वार्थ सिद्धि योग शाम को 4 बजकर 39 मिनट से अगले दिन 30 अगस्त को सुबह 5 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. ये दोनों ही योग पूजा पाठ के लिए अच्छा है. इसमें आप जो कार्य करेंगे, वे सफल सिद्ध हो सकते हैं. व्रत के दिन आर्द्रा नक्षत्र सुबह से शाम 4 बजकर 39 मिनट तक है.
अजा एकादशी 2024 मुहूर्त
जो लोग अजा एकादशी के दिन व्रत रखकर विष्णु पूजा करना चाहते हैं, वे सूर्योदय के बाद यानि सुबह 05 बजकर 58 मिनट से कर सकते हैं. इस समय से उनको सिद्धि योग प्राप्त होगा. उस दिन राहुकाल 01:58 पी एम से 03:34 पी एम तक है, इस समय में पूजा न करें. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:28 ए एम से 05:13 ए एम तक और शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त 11:56 ए एम से 12:47 पी एम तक है.