नई दिल्ली। कोलकाता रेप कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया से पीड़िता की सभी तस्वीरों को हटाने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रेप पीड़िता की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उसके बावजूद पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड मामले में खुद संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। अदालत ने घटना से जुड़े कई पहलुओं पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट ने घटना की जांच कर रही सीबीआई से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ-साथ अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स भी गठित करने का आदेश दिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था, लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की। इसके साथ-साथ अदालत ने कहा कि जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्राचार्य का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया।