नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में भारत में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में मेडिकल सीटों की संख्या लगभग एक लाख तक बढ़ गई है, लेकिन हर साल लगभग 25 हजार भारतीय छात्र चिकित्सा शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। यह संख्या चिंताजनक है, इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अगले पांच सालों में मेडिकल सीटों की संख्या को 75 हजार बढ़ाया जाएगा। इस कदम से भारत में चिकित्सा शिक्षा के अवसरों में सुधार होगा और अधिक युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा मिल सकेगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि एक स्वस्थ भारत का सपना सिर्फ चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीं है। इसके लिए उन्होंने ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ शुरू किया है, जो बच्चों के सही पोषण पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा, “हमारी दृष्टि 2047 तक एक विकसित और स्वस्थ भारत की है। इसके लिए हमें आज से ही बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देना होगा।” इसके अलावा, पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति आक्रोश है और इसे गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऐसे अपराधों की शीघ्र और कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज में विश्वास बना रहे और पापियों को यह समझ में आ सके कि इन अपराधों का गंभीर परिणाम होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब महिलाओं के साथ बलात्कार या अन्य अत्याचार की घटनाएं होती हैं, तो उसकी चर्चा मीडिया में बहुत होती है। लेकिन जब दोषियों को सजा मिलती है, तो यह खबरें अक्सर कम महत्व की हो जाती हैं। पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि दोषियों को दी गई सजा पर व्यापक चर्चा की जानी चाहिए, ताकि यह संदेश साफ हो सके कि ऐसे अपराधों की सजा बहुत कठोर होती है। प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन ना केवल चिकित्सा शिक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और समाज में न्याय की सुनिश्चितता के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है।