जानें गुरुवार का पंचांग, जिसमें दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल व गुलिक काल की वास्तविक स्थिति विस्तार से ज्ञात होगी।
15 अगस्त 2024 दिन- गुरुवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 05:33:00
सूर्यास्तः- सायं 06:27:00
विशेषः- गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।
विक्रम संवतः- 2081
शक संवतः- 1946
आयनः- उत्तरायन
ऋतुः- वर्षा ऋतु
मासः- श्रावण माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
तिथिः- दशमी तिथि 10:27:20 A.M तक तदोपरान्त एकादशी तिथि दिन रात।
तिथि स्वामीः- दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी है।
नक्षत्रः- ज्येष्ठा नक्षत्र 12:53:20 P.M तक मूल तदोपरान्त
नक्षत्र स्वामीः- ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुध देव हैं मूल नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं
योगः- वैधृति 15:54:55 P.M तक तदोपरान्त विश्कुंभ
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:07:00 A.M से 10:03:00 A.M बजे तक
दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।
राहुकालः- राहुकाल 02:03:00 P.M से 03:42:00 P.M बजे तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है।