दिल्ली। दिल्ली पुलिस स्वतंत्रता दिवस पर इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। आजादी के जश्न के दौरान लाल किले के नजदीक अगर ड्रोन या इसके जैसी कोई दूसरी संदिग्ध वस्तु आसमान में दिखती है और पुलिस उसे गिरा नहीं पा रही है तो वहां मौजूद वीवीआईपी को किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की होगी। इसके लिए पुलिस पहले से जगह की पहचान किए रहेगी। मंगलवार को आला पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सख्त हिदायत दी है कि सुरक्षित जगह का चुनाव सुनियोजित तरीके से हो। इसके लिए पहले से रिहर्सल भी कर लिया जाए।
दरअसल, पुलिस के पास इनपुट हैं कि इस बार सिख फॉर जस्टिस समेत दूसरे आतंकी समूह आजादी के जश्न में खलल डालने की कोशिश करेंगे। इसको लेकर मंगलवार को सीपी ने पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) व उनसे सीनियर सभी पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें पुलिस आयुक्त ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान किसी जवान को आतंकी व शरारती तत्व दिख जाए तो वह पहले किस अधिकारी को बताएगा। उस आतंकी को मार गिराने का फैसला कौन लेगा। ऐसे में यह पहले ही सुनिश्चित करना जरूरी है कि आतंकी को मार गिराने का फैसला सेक्टर ऑफिसर लेगा या फिर और कोई लेगा। जिस जवान ने आतंकी देखा है कि वह दूसरे अधिकारी व अपने सेक्टर ऑफिसर को कैसे सूचित करेगा। उन्होंने इसकी रिहर्सल करने के आदेश दिए हैं।
पुलिस आयुक्त ने अधीनस्थ अधिकारियों को कहा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जो हमला हुआ है, उसका तो स्वतत्रंता दिवस समारोह के दौरान ध्यान रखना ही है। ऐसा न हो कि स्नैपर के चक्कर में रहे। उसके साथ सुसाइड बंम्बर व रॉकेट हमले आदि का भी ध्यान रखना है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह की सुरक्षा के लिए करीब 800 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बैठक में सवाल किया कि इतने सीसीटीवी कैमरों को एक साथ कैसे देखा जाएगा। जिस लोकेशन पर सीसीटीवी लग रहा है, उससे पता कैसे लगेगा कि किस सीसीटीवी की फुटेज है। सीसीटीवी कैमरा किसी जवान के सीधी साइड में होता है, तो किसी जवान के राइट साइड में होता है। पुलिस आयुक्त ने ऐसे में सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन पता करने के लिए इसकी बड़े स्तर पर रिहर्सल करने के आदेश दिए हैं।
वीवीआईपी को सुरक्षित जगह पर ले जाने के आदेश
पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों को बताया कि दो तरह के ड्रोन उड़ाए जाते हैं। एक तरह का ड्रोन रिमोट से कंट्रोल होता है। दूसरा ड्रोन साफ्टवेयर से उड़ाया जाता है। अगर सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन आदि को नहीं खत्म कर पाती है तो इस बात के इंतजाम हो कि वीआईपी को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए।
ड्रोन को नष्ट करने में होती है परेशानी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार ड्रोन को आसमान में ही नष्ट करने के लिए डीडीसीए से अनुमति लेनी होती है। अगर डीडीसीए अनुमति मिलेगी तो फिर लालकिला व आसपास का पूरा इलाका नो फ्लाइंग जोन हो जाएगा। ऐसे में फ्लाइट व्यवस्था गड़बड़ा जाएगी। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इसको भी देखा जाए कि कैसे इस स्थिति से निपटा जाए।