बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से दो महिला की मौत हो गई। दोनों मामले बिलासपुर के हैं। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने लोगों को लक्षणों के बारे में बताया है। साथ ही टीमों को तैनात किया गया है ताकि संदिग्ध मरीजों की पहचान की जा सके।
स्वाइन फ्लू से मौत का पहला मामले कोरिया जिले के ग्राम पंडोपारा निवासी 51 वर्षीय महिला का है। महिला को जिला अस्पताल भर्ती कराया गया था। जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। 4 अगस्त को रेफर कर अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। महिला की स्थिति लगातार खराब होती गई। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वेंटिलेटर पर भी रखा गया, लेकिन शुक्रवार को मौत हो गई।
दूसरा मामला जांजगीर चांपा के ग्राम लक्षनपुर में रहने वाली 66 वर्षीय महिला का है। 6 अगस्त को महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में दिक्कत बढ़ने के बाद परिजन 8 अगस्त की सुबह अपोलो अस्पताल से निकाल कर शहर के एक निजी अस्पताल में ले गए थे, जहां मरीज की मौत हो गई।
स्वाइन फ्लू के नौ मरीज
29 जुलाई से 9 अगस्त तक की अवधि में अपोलो अस्पताल में 9 मरीज स्वाइन फ्लू के मिले हैं। इनमें पांच मरीज बिलासपुर जिले के हैं। दो मरीज कोरिया और एक जांजगीर का है। वर्तमान में पांच मरीजों का अपोलो अस्पताल में उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन शासकीय व निजी अस्पताल से मरीजों की जानकारी ली जा रही है। जिले में लगातार जन चौपाल आयोजित कर लोगों को विभिन्न मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षणों और आम सर्दी-जुकाम से फर्क के बारे में बताया जा रहा है।
अपोलो अस्पताल और एक अन्य अस्पताल में भर्ती स्वाइन फ्लू पॉजिटिव दो महिला की मौत हो गई है। अपोलो अस्पताल में अभी भी पांच मरीज भर्ती हैं। इससे निपटने स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। – डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, सीएमएचओ
ऐसे पहचानें स्वाइन फ्लू को
0 एच 1 एन 1 इंफ्लूएंजा भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम तीन दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन स्वाइन फ्लू में कई दिनों तक चलता है।
0 स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।
0 आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में होती है, लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह इंसानों में भी फैल जाती है। लंबे समय तक सर्दी जुकाम रहने पर तुरंत स्वाइन फ्लू की जांच करवाना चाहिए।