Lord Shiva And Goddess Parvati: हिंदू धर्म में सुखी शादीशुदा जीवन के लिए लोग शिव-पार्वती की पूजा करते हैं. शादीशुदा महिलाओं अपने पति की लंबी उम्र के लिए गौरी की पूजा करती हैं. वहीं, कुंवारी कन्या जीवन में अच्छा पति पाने के लिए 16 सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि जैसे व्रत रखती हैं. सभी पुरुष भी मां पार्वती जैसी पत्नी पाना चाहते हैं. आज भी भगवान शिव और माता पार्वती की जोड़ी और प्रेम कहानी का उदाहरण दिया जाता है.
भगवान शिव और माता पार्वती की शादी की अनोखी कहानी है. एक-दूसरे के प्रति प्रेम के लिए हर कोई दीवाना है. लेकिन यह शादी आसान नहीं थीं. पार्वती जी को पत्नी के रूप में पाने के लिए शिवजी ने अवतार धारण किया था. आइए जानते हैं भोलेनाथ-पार्वती की शादी कैसे हुई थी.
सुनटनर्तक अवतार किया धारण
भगवान शिव के शिव महापुराण में कई अवतारों का वर्णन किया है. कहीं उनके 24 तो कहीं 19 अवतारों के बारे में बताया गया है. क्या आपको पता है भगवान शिव ने माता पार्वती से शादी करने के लिए सुनटनर्तक अवतार लिया था. भगवान शिव ने पार्वती के पिता हिमाचल से उनकी पुत्री का हाथ मांगने के लिए सुनटनर्तक अवतार धारण किया था. नट के रूप में शिव जी ने हाथ में डमरू पकड़ हुआ था और हिमाचल के घर पहुंचे और नृत्य करने लगे. नटराज शिवजी इतना शानदार नृत्य किया वहां मौजूद सभी लोग प्रसन्न हो गए.
हिमाचल का आया क्रोध
हिमाचल इतना खुश हुए कि उन्होंने नटराज शिवजी से भिक्षा मांगने के लिए कहा. नटराज शिव ने भिक्षा में पार्वती को मांग लिया. यह बात सुनकर हिमांचल बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए. कुछ समय बाद पार्वती को नटराज वेषधारी शिवजी अपना खुद का रूप दिखाकर चले गए. शिवजी के जाने के बाद पार्वती के पिता हिमाचल और माता मैना को दिव्य ज्ञान हुआ और उन्होंने शिवजी को देने का फैसला किया.