बिजनेस न्यूज़। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिन की बैठक आज समाप्त हो गई है। कमेटी के प्रेसिडेंट और RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, यह 6.5% पर बरकरार है यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।
जून में रिटेल महंगाई
जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई थी। यह महंगाई का 4 महीने का हाई लेवल था। अप्रैल में महंगाई 4.85 फीसदी रही थी। वहीं मई में महंगाई 4.75 फीसदी रही थी। NSO ने 12 जुलाई को ये आंकड़े जारी किए थे। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2 फीसदी से 6 फीसदी है।
फरवरी 2023 से नहीं हुआ रेपो रेट में बदलाव
फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बना हुआ है। 2024-25 की दूसरी बैठक चुनावी नतीजे आने के बाद जून में हुई थी, उस समय भी रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया। इस बार ये बैठक बजट के बाद हो रही है। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि शायद आरबीआई इस बार ब्याज दरों को घटा सकता है। बता दें कि रेपो रेट वही है, जिसके आधार पर आपका बैंक लोन (Bank Loan) की ब्याज दर तय करता है। ऐसे में अगर इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ, तो लोन की ईएमआई भी कम नहीं होगी।
क्या होता है रेपो रेट?
जिस तरह आप अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से कर्ज लेते हैं और उसे एक निर्धारित ब्याज के साथ चुकाते हैं, उसी तरह सार्वजनिक, निजी और व्यावसायिक क्षेत्र की बैंकों को भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ही ओर से जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट (Repo Rate) कहा जाता है। रेपो रेट कम होने पर आम आदमी को राहत मिल जाती है और रेपो रेट बढ़ने पर आम आदमी के लिए भी मुश्किलें बढ़ती हैं। जब रेपो रेट बढ़ता है तो बैंकों को कर्ज ज्यादा ब्याज दर पर मिलता है। ऐसे में आम आदमी के लिए लोन महंगा हो जाता है। वहीं रेपो रेट कम होने पर लोन सस्ते हो जाते हैं।