सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने और दूध से उनका रुद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और नाग देवता भी प्रसन्न होते हैं. नाग पंचमी का त्योहार सावन के महीने में ही मनाया जाता है. ये भी मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से जातक को सांपों के भय से मुक्ति मिलती है.
नाग पंचमी का त्योहार हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 9 अगस्त को पंचमी तिथि है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता के ऊपर दूध अर्पण किया जाता है. अगर आसपास नाग देवता का मंदिर न हो तो किसी भी शिव मंदिर में जाकर विधि से पूजा करें. इससे भी नाग देवता प्रसन्न होते हैं और नाग दोष से मुक्ति मिलती है
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 08 अगस्त की रात 11 बजकर 54 मिनट पर हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 09 अगस्त रात 10 बजकर 41 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार 9 अगस्त को ही नाग पंचमी मनाई जाएगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 05 बजकर 16 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहने वाला है, यानी ब्रह्म मुहूर्त से लेकर अभिजीत मुहूर्त तक नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा आराधना कर सकते हैं.
नाग पंचमी पूजा की विधि
पंचमी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें. फिर किसी नाग देवता के मंदिर में जाकर
“अनंत, वासुकी, शेषं, पद्मनाभं च कम्वलं शंखपालं, धृतराष्ट्रकंच, तक्षकं, कालियं तथा एतानि नवनामानि नागानाम् च महात्मनासायंकाले पठेन्नित्यम् प्रात:काले विशेषत:तस्य विषभयं नास्ति, सर्वत्र विजयी भवेत्” मंत्र का जाप करते हुए नाग देवता के ऊपर दूध का अभिषेक करें. फिर सफेद पुष्प अर्पण करें. इसके बाद अक्षत, हल्दी, सिंदूर, अर्पण करें और अंत में भोग लगाएं. इससे नाग देवता प्रसन्न होंगे.