नई दिल्ली। भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर शनिवार को ओलंपिक में इतिहास रचने से चूक गईं। पेरिस 2024 ओलंपिक में 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उनसे पदक जीतने की उम्मीदें बहुत अधिक थीं; हालांकि, वह चौथे स्थान पर रहीं। अगर वह पदक जीततीं, तो यह इन खेलों में उनका तीसरा पदक होता, जिससे वह एक ही ओलंपिक स्पर्धा में तीन पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन जातीं। दुर्भाग्य से किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही तय कर रखा था।
मनु ने शूटऑफ में गंवाया मेडल
मनु की इस फाइनल में शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन उन्होंने वापसी की। मनु ने कुल 28 अंक बनाए। पहले चरण में मनु ने तीन सीरीज में दो, चार, चार अंक बनाए। एलिमिनेशन में उन्होंने तीन, पांच, चार, चार और दो अंक बनाए। आठवीं सीरीज में वे तीसरे स्थान के लिए हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ बराबरी पर थे। इस सीरीज में मनु एक शॉट से पीछे रह गए दुर्भाग्य से वह तीसरे अवसर पर जीत हासिल नहीं कर सकी और मनु की जगह वेरोनिका ने तीसरा स्थान हासिल किया है। यहीं पर मनु का सफर खत्म हो गया।
एक ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वालीं पहली भारतीय
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतकर अपने अभियान का समापन किया। इसके साथ ही उन्होंने ओलंपिक इतिहास में सबसे सफल भारतीय एथलीट के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है। मनु के अलावा कोई भी अन्य भारतीय एथलीट एक ही ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में दो मेडल नहीं जीत पाया है।
मनु के पास अभी भी है मौका
मनु अभी 22 साल की हैं, जो उन्हें अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देता है। वह आगामी ओलंपिक खेलों में अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। मनु ने टोक्यो ओलंपिक में पदार्पण किया, लेकिन पदक नहीं जीत पाईं। हालांकि, उन्होंने पेरिस में शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने दो पदक जीते। अगले ओलंपिक खेलों में मनु से काफी उम्मीदें होंगी। इन प्रतियोगिताओं के बाद, वह दो ओलंपिक पदक जीतने वाले भारतीय एथलीटों की श्रेणी में शामिल हो गई हैं। उनसे पहले पहलवान सुशील कुमार (2008, 2012) और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (2016, 2020) भी यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।