नई दिल्ली। तीसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार का पहला बजट कल संसद में प्रस्तुत होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यह बजट पेश करेंगी। इस साल के बजट को लेकर लोगो में खासा उत्साह हैं। आयकर दाताओं में की भी इस साल के बजट पर अधिक नजर आ रही हैं। सुगबुगाहट है कि आईटी स्लैब में बदलाव कर मोदी सरकार कर सकती है।
बता दें कि, पिछले तीन सालों में इनकम टैक्स को लेकर केंद्र सर्कार ने कई अहम बदलाव किए है। इनमें सीनियर सिटीजन को पेंशन और ब्याज इनकम वाले 75 साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट देना शामिल है। ऐसे लोगों के लिए टैक्स ऑडिट लिमिट 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई, जिन्होंने अपना 95% डिजिटल ट्रांजेक्शन रूप से किया था। इसके अलावा कोविड-19 बीमारी के जुड़े खर्चों पर भी टैक्स की छूट दी गई थी।
गौरतलब है कि, आगामी बजट में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। असल में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80डी के तहत कटौती की सीमा को आखिरी बार 9 साल पहले बजट 2015 में 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया था। लेकिन साल 2015 के बाद से इस सीमा में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
साल 2023 के बजट में नए टैक्स रीजीम में बदलाव किया गया और ये नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम बन गया। सेक्शन 87A के तहत टैक्स रीबेट 25000 रुपये कर दी गई। ये टैक्सेबल इनकम 7 रुपये तक के टैक्सपेयर्स वालों के लिए किया गया।
टैक्स स्लैब (नया टैक्स रीजीम):
0 रुपये – 3 लाख रुपये: जीरो
3 लाख से – 6 लाख रुपये: 5%
6 लाख से – 9 लाख रुपये: 10%
1 लाख रुपये से – 12 लाख रुपये: 15%
12 लाख रुपये – 15 लाख रुपये: 20%
15 लाख रुपये से ऊपर : 30%
साल 2024 में बजट से टैक्सपेयर्स की उम्मीदें
टैक्सपेयर्स बजट में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। कई लोगों को उम्मीद है कि सरकार बेसिक छूट लिमिट को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करेगी। नए टैक्स रीजीम को पहले से अधिक आकर्षित बनाया जाए। बढ़ती आय के साथ, मध्य आय वर्ग के बीच सेविंग और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स छूट लिमिट को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए। स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढाए जाने को लेकर भी टैक्सपेयर्स काफी उम्मीद भरी निगाहो से केंद्र सरकार की तरफ देख रहे है।