दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बड़ी घोषणा करते ऐलान किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को जानबूझकर अपने वाहनों की विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाने से रोकने के लिए, NHAI ने टोल लेन में प्रवेश करने वाले ऐसे डिफॉल्टरों से दोगुना उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने बताया कि जानबूझकर विंडस्क्रीन पर फास्टैग न लगाने से टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है, जिससे साथी राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।
जिन गाड़ियों के विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं लगा होगा, और वे टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें दोगुना टोल देना होगा। NHAI ने कहा, “सभी उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह एजेंसियों और रियायतियों को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की गई है, ताकि सामने की विंडशील्ड पर फास्टैग न लगाए जाने की स्थिति में दोगुना उपयोगकर्ता शुल्क वसूला जा सके।”
जानकारी को सभी उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा पर भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे राजमार्ग यात्रियों को सामने की विंडशील्ड पर एक निश्चित फास्टैग के बिना टोल लेन में प्रवेश करने पर दंड के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, वाहन पंजीकरण संख्या (वीआरएन) के साथ सीसीटीवी फुटेज को बिना चिपकाए फास्टैग मामलों के शुल्क प्लाजा पर दर्ज किया जाएगा। इससे शुल्क वसूले जाने और टोल लेन में वाहन की मौजूदगी के बारे में उचित रिकॉर्ड बनाए रखने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया है कि कोई भी फास्टैग जो मानक प्रक्रिया के अनुसार निर्दिष्ट वाहन पर नहीं लगाया गया है, वह शुल्क प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) लेनदेन करने का हकदार नहीं है और उसे दोगुना टोल शुल्क देना होगा और साथ ही उसे ब्लैक लिस्ट में भी डाला जाएगा। एनएसएआई ने कहा कि जारीकर्ता बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे विभिन्न बिक्री केंद्रों (पीओएस) से फास्टैग जारी करते समय निर्दिष्ट वाहन के सामने के विंडशील्ड पर फास्टैग लगाना सुनिश्चित करें।