भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय, नई दिल्ली के अंतर्गत सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) गुवाहाटी, असम में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में “शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका” विषय पर छत्तीसगढ़ राज्य के अलग अलग जिलों से 14 शिक्षकों का चयन किया गया, जिसमे से रायपुर जिले के धरसीवा विकासखंड से शासकीय प्राथमिक शाला खदान क्षेत्र, मठपुरैना से श्रीमती अंजलि यादव ने प्रतिनिधित्व किया।*
*इस प्रशिक्षण कार्यशाला में देश के कुल 10 राज्यों के 66 शिक्षक शामिल हुए। इनमें छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से अंजलि यादव, अनामिका ठाकुर, और दीप्ति बघेल,राजनांदगांव से शरद अवस्थी,खिलेश्वर कुमार सिन्हा,बैकुंठपुर से उमेश कुमार मिश्रा, भिलाई से संध्या मिश्रा, जनकपुर से समीक्षा सिंह,मैनपाट से मिथिलेश कुमार, मरवाही से हेमवती शर्मा, पेंड्रा से सरोज सिंह कंवर, वैजयंती पैकरा, नागेंद्र प्रताप सिंह, श्री चंद्र ताम्रकार का चयन किया गया था*
*20 जून से 4 जुलाई 2024 तक NEP 2020 के अनुरूप शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका विषय पर पुतलीकला का इतिहास, शिक्षा में उसकी उपयोगिता, विद्यालय में सांस्कृतिक क्लब की स्थापना, स्कूल में पुतली कला से शिक्षण अधिगम की प्रभाविता का बारीकी से अध्ययन किया। पुतली कला के द्वारा चित्रकला, मूर्तिकला, नृत्य, नाटक कला के सम्मिश्रण से छात्रों में शैक्षणिक अभिरुचि व संप्रेषण कला के विकास हेतु विभिन्न राज्यों के शिक्षको के द्वारा पुतली निर्माण कर मंचीय प्रर्दशन कर अभिव्यक्ति कौशल के माध्यम से शिक्षण अधिगम की नवाचारिता पर केंद्रित प्रशिक्षण रहा*
*सांस्कृतिक स्रोत व प्रशिक्षण केंद्र गुवाहाटी, असम के कार्यशाला के समापन अवसर पर श्री निरंजन सर एवं श्रीमती मनीषा मैम द्वारा सफलता पूर्ण प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण किट प्रदान किया गया।
*सभी शिक्षकों ने राज्य की संस्कृति, सभ्यता और समरसता को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ और जिले का प्रतिनिधित्व कर नाम रोशन किया।*