दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से नीट पेपर लीक मामले में बुधवार (10 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) और सीबीआई से पेपर लीक होने के समय और परीक्षा के बीच की अवधि के बारे में जानकारी मांगी थी। इस बीच एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है।
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि वह नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है। हलफनामे के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी स्टूडेंट को कोई लाभ न मिले। केंद्र सरकार ने कहा कि परीक्षा में कोई बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस हल्फनामे में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि जुलाई 2024 के तीसरे हफ्ते से काउंसलिंग शुरू होगी हो जाएगी। इस दौरान अगर पाया जाता है कि किसी भी छात्र ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया जाएगा। नीट यूजी मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि आईआईटी मद्रास का डेटा एनालिटिक्स कोई असामान्यता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखाता है।