जम्मू। भारी बारिश के कारण एहतियात के तौर पर शनिवार को गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थी। जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग वार्षिक तीर्थयात्रा आधिकारिक तौर पर समाप्त होने से लगभग दो सप्ताह पहले पूरी तरह से पिघल गया है। लगभग दो महीने तक चलने वाली तीर्थयात्रा के दौरान तीन लाख से अधिक लोगों के पवित्र गुफा के दर्शन करने की उम्मीद है। एक महीने पहले यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
हालाँकि, पिघले हुए शिवलिंग ने तीर्थयात्रियों को पवित्र गुफा की एक झलक पाने के लिए खराब मौसम के बीच फिसलन भरे रास्तों पर जाने से नहीं रोका है। कश्मीर में भीषण गर्मी के बीच प्राकृतिक रूप से बना बर्फ का लिंग पिघलना शुरी हो गया है। पिछले कुछ हफ्तों से घाटी में बढ़ते तापमान और प्रचंड गर्मी देखी जा रही है।
गुरुवार को, श्रीनगर में अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से छह डिग्री अधिक और 25 वर्षों में जुलाई में सबसे अधिक था। श्रीनगर दिल्ली (31.7 डिग्री सेल्सियस), कोलकाता (31 डिग्री सेल्सियस), मुंबई (32 डिग्री सेल्सियस) और बेंगलुरु (28 डिग्री सेल्सियस) से अधिक गर्म था। घाटी के अन्य हिस्सों में भी भीषण तापमान देखा गया।
अमरनाथ यात्रा 29 जून को अनंतनाग में पहलगाम और गांदरबल में बालटाल मार्ग से शुरू हुई थी। 52 दिनों की यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी। अब तक 1.50 लाख से अधिक भक्त 3,800 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर का दौरा कर चुके हैं और प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के लिंग के दर्शन कर चुके हैं।
शनिवार को भारी बारिश के कारण गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर यात्रा अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थी। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बालटाल और पहलगाम मार्गों पर कल रात से बारिश हो रही है।
बालटाल और पहलगाम मार्गों पर कल रात से रुक-रुक कर भारी बारिश देखी जा रही है। अमरनाथ यात्रा 29 जून को दो मार्गों से शुरू हुई – अनंतनाग में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटा लेकिन तेज़ बालटाल मार्ग – और यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगा। बता दें कि पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में पूजा की थी।