रायपुर। सक्ती जिले में महिला सीएचओ के अपहरण मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। महिला सीएचओ ने अपने ब्वायफ्रेंड के साथ के साथ शादी करने के लिए रची थी। लड़की ने खुद ही ये पूरी साजिश रची थी। पुलिस ने दोनों को सरकंडा बिलासपुर के होटल स्वर्णभूमि देवनंदन नगर से बरामद कर लिया है। तथा मामले में दोनों के खिलाफ धारा 120 (बी), 384 के तहत कार्रवाई की है।
बता दें कि 28 जून को सक्ती चौपाटी के पास से एक महिला सीएचओ अनुपमा जलतारे लापता हो गई थी। वहीं उसी रात 9:38 बजे अनुपमा के फोन से महेन्द्र जांगडे ने महिला सीएओ के भाई डेगम्बर को फोन कर 28 जून को 11 बजे तक 15 लाख रुपये की व्यवस्था करके देने की मांग की। मांग पूरी नहीं करने पर अनुपमा को जान से मार कर बोरी में भेजने की बात कही। इतना ही नहीं, लापता अनुपमा ने भी फोन पर अपने भाई से रोते हुए बात की। वहीं महिला अधिकारी के भाई ने उसके दोस्त महेन्द्र को फोन किया, तो उसने भी अपहरण करने वालों की तरफ से फोन कर फिरौती की मांग करना बताया।
ईधर 15 लाख रुपये की फिरौती की शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और इलेक्ट्रानिक डिजिटल एवं मैनुवल साक्ष्य के आधार पर पाया कि महेन्द्र जांगडे और अनुपमा जलतारे को 4 घंटों के भीतर सरकंडा बिलासपुर के होटल स्वर्णभूमि देवनंदन नगर से बरामद किया। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि अपहरण की पूरी कहानी झूठी थी। महिला सीएओ ने अपने दोस्त के साथ एक मकसद लेकर सारा षड्यंत्र रचा था। पुलिस ने बताया कि महिला सीएओ अनुपमा जलतारे ने 27 जून को अपने दोस्त महेन्द्र जांगड़े को कोरबा से सक्ती चौपाटी बुलाया और अपने छोटे भाई कालेश्वर को ठण्डा पानी लाने के बहाने भेज दिया। जब भाई वापस आया तो वह नहीं थी।
इसके बाद महिला सीएओ ने अपना फोन फ्लाइट मोड में डाल कर महेन्द्र जांगडे के नीला सफेद रंग के टीव्हीएस अपाचे बाईक क्रमांक सीजी 28 एल 0149 में बैठकर बिलासपुर निकल गई। इधर उसके अचानक गायब होने से भाई और परिजन परेशान थे। इसी बीच रात 9:38 बजे अनुपमा के फोन से महेन्द्र जांगडे ने महिला सीएओ के भाई डेगम्बर को फोन कर 28 जून को 11 बजे तक 15 लाख रुपये की व्यवस्था करके देने की मांग की। मांग पूरी नहीं करने पर अनुपमा को जान से मार कर बोरी में भेजने की बात कही। इतना ही नहीं, अनुपमा ने भी फोन पर अपने भाई से रोते हुए बात की।
वहीं महिला अधिकारी के भाई ने उसके दोस्त महेन्द्र को फोन किया, तो उसने भी अपहरण करने वालों की तरफ से फोन कर फिरौती की मांग करना बताया। पुलिस ने इलेक्ट्रानिक डिजिटल एवं मैनुवल साक्ष्य के आधार पर पाया कि महेन्द्र जांगडे और अनुपमा जलतारे की प्लानिंग थी कि, अनुपमा के घर वाले 15 लाख की ब्यवस्था नही कर पायेंगे, फिर एक दो दिन बाद महेंद्र जांगडे के साथ अपने घर जाकर परिजनों को महिला अधिकारी बताती कि महेंद्र जांगडे ने अपहरणकर्ताओ पैसा देकर उसे छुडवाया है। जिससे वह महेंद्र को घरवालों की नजरो में शादी के लिए उपयुक्त लड़का साबित कर पाती। वहीं इस मामले में पुलिस ने झूठा अपहरण के लिए महेन्द्र जांगडे और महिला अधिकारी पर धारा 120 (बी), 384 के तहत कार्रवाई कर दोनों को विधिवत गिरफ्तार कर लिया है।