नई दिल्ली। कथावाचक प्रदीप मिश्रा की ओर से राधारानी के बारे में टिप्पणी किए जाने का मामला तूल पकड़ लिया है। इसके विरोध में मथुरा के बरसाना में गहरवन स्थित रसमंडप में सोमवार को ब्रज के संतों की महापंचायत हुई। महापंचायत में प्रस्ताव पास हुआ कि प्रदीप मिश्रा अविलंब तीन दिवस में राधारानी से क्षमा मांगें। इसकी जानकारी समाचार पत्रों व चैनलों पर दें। सात दिन में बरसाना आकर माफी मांगें। ऐसा न करने पर बाद में भी क्षमा स्वीकार्य नहीं होगी। ऐसा न करने पर मिश्रा के उज्जैन में घुसने पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।
महापंचायत की अध्यक्षता करने वाले संत रमेश बाबा बोले, ”प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि राधानी भगवान श्रीकृष्ण की धर्मपत्नी नहीं थीं। उनका विवाह छाता निवासी अनय घोष संग हुआ था। बरसाना राधारानी का गांव नहीं है। दरअसल, उनके पिता बृषभानु वर्ष में एक बार बरसाना में कचहरी लगाने आते थे, इसलिए बरसाना नाम पड़ा।”
महापंचायत में पद्मश्री रमेश बाबा ने कहा कि मैं अस्वस्थ होने के कारण ज्यादा नहीं बोल सकता। बस मैं इतना कहना चाहूंगा, ब्रजवासी जो निर्णय लेंगे उसमें मैं उनके संग हूं। इस दौरान संतों से अनुरोध किया गया कि व्यासपीठ से प्रदीप मिश्रा को सर्वदा के लिए बहिष्कृत किया जाए। संपूर्ण ब्रज मंडल में प्रदीप मिश्रा द्वारा क्षमा न मांगने पर प्रवेश निषेध रहेगा। जहां कथा हो वहां अभियान चलाकर प्रदर्शन किया जाएगा। समर्थकों पर भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।