नई दिल्ली। गाजियाबाद में एक तीन मंजिली इमारत में भीषण आग लगने से पांच लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में दो बच्चे शामिल हैं। घटना लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के बेहटा हाजीपुर गांव में बुधवार रात करीब 8:00 बजे हुई। आग तेजी से फैली जिससे लोगों को बचने का मौका नहीं मिला। आग लगने के बाद तीन बच्चे, दो महिलाएं और एक युवती फंस गए। दमकल विभाग के कर्मियों ने पांच लाशें बरामद की हैं। बताया जाता है कि इमारत में फोम का कारोबार चल रहा था। मकान में शॉट सर्किट के कारण आग लगी बताई जाती है। दमकल विभाग की टीम देर रात तक राहत और बचाव का कार्य में जुटी रही।
तेजी से फैली आग, अंदर ही फंसे रह गए लोग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोनी बार्डर थाने के बेहटाहाजीपुर गांव में इश्तियाक अली का तीन मंजिला मकान है। मकान में वह और उनका बेटा सारिक परिवार के साथ रहते हैं। सारिक के परिवार में पत्नी, सात माह का बच्चा और बहन हैं। सारिक की दूसरी बहन अपने तीन बच्चों के साथ उसके घर आई थी। सारिक मकान में फोम आदि का काम करता है। बताया जा रहा है कि बुधवार रात करीब 8.15 बजे बिजली के शॉट सर्किट से मकान में आग लग गई। मकान में फोम भरी होने के कारण कुछ ही देर में आग तीनों मंजिल तक पहुंच गई। इससे परिवार के लोग मकान में फंस गए।
संकरी गलियों की वजह से मौके पर नहीं पहुंच सकीं दमकल गाड़ियां
आग लगने के बाद लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने की लेकिन आग पर काबू न पा सके। आग भड़कने पर फायर बिग्रेड और पुलिस को घटना की जानकारी देकर मदद की गुहार लगाई गई। ट्रॉनिका सिटी से फायर बिग्रेड की दो गाड़ियां कुछ ही देर में मौके पर पहुंचीं। दो मंजिल की आग को बुझा लिया है लेकिन एक मंजिल पर आग बुझाई नहीं जा सकी है। बताया जाता है कि जिस गली में मकान है, वह अत्यंत संकरी है। इससे फायर बिग्रेड की गाड़ी अंदर नहीं पहुंच सकीं। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि इस वजह से आग पर पूरी तरह से काबू पाना कठिन हो रहा है।
वैशाली और साहिबाबाद से मंगाई दमकल गाड़ियां
साहिबाबाद और वैशाली से फायर बिग्रेड की गाड़ियां मौके पर बुलाई गई हैं। आग को बुझाने का काम खबर लिखे जाने तक जारी था। अग्निशमन विभाग की टीम ने आग की लपटों पर तो काबू तो पा लिया है लेकिन धुएं के कारण घर की भीतर पहुंचना मुश्किल हो रहा है। देर रात तक बचाव टीम ने घर से पांच डेड बॉडी निकाली है। इनमें दो महिलाओं, एक पुरुष और दो बच्चों की लाशें हैं। कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। आग लगने की घटना के वक्त घर के भीतर कितने लोग थे, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
छत पर भी बंद था ताला, नहीं निकल सके लोग
बताया जाता है कि घर में फंसे लोगों के बाद बचने का केवल एक विकल्प था कि वे लोग छत पर चले जाएं और छत से ही पड़ोसी के घर पहुंच कर अपनी जान बचा लें। लेकिन दुर्भाग्य से मकान की चौथी मंजिल पर बनी ममटी के दरवाजे का ताला बंद था। इसकी वजह से परिवार के लोग दरवाजा नहीं खोल पाए। उन्हें छत के रास्ते पड़ोसी के घर से नीचे उतरकर बचने का मौका नहीं मिला। परिवार के लोग सदमे में हैं। वे कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। आग कितनी भयावह थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साहिबाबाद और वैशाली से दमकल गाड़ियों को मौके पर बुलाना पड़ा।