नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम बेल सात दिन बढ़ाने के लिए याचिका दायक की है. बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें 10 मई को मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. वह लगभग 51 दिनों तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में थे.
इस दौरान उनका 7 किलो वजन भी घट गया. ऐसे में जमानत मिल जाने के बाद केजरीवाल ने अपना चेकअप कराया. स्वास्थ्य जांच में सामने आया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कीटोन लेवल काफी ऊंचा है. वह मैक्स के डॉक्टरों से जांच करा रहे हैं. केजरीवाल को PET-CT स्कैन कराने के लिए भी कहा गया है. इस वजह से केजरीवाल ने अपने हेल्थ चेकअप के लिए सुप्रीम कोर्ट 7 दिनों तक जमानत बढ़ाए जाने की मांग की है.
केजरीवाल के वकील ने दाखिल किया लिखित जवाब
अरविंद केजरीवाल के वकील अमित देसाई ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि ईडी के पास गिरफ्तारी के उचित आधार नहीं हैं. सिर्फ संदेह के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. पीएमएलए में गिरफ्तारी के मानक तय हैं, जो ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय नहीं निभाए गए.
उन्होंने लिखा, धारा 19 के तहत गिरफ्तारी केवल धारणाओं, अनुमानों, अटकलों पर आधारित नहीं हो सकती है. ऐसी सामग्री होना जरूरी है, जिसका स्पष्ट आधार हो. केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तारी वैध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है और पक्षों को लिखित दलीलें दाखिल करने की छूट दी थी.
SC से केजरीवाल को 1 जून तक मिली है जमानत
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई थी ताकि वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें और कैंपेन में हिस्सा ले सकें. नियमों के अनुसार उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करना होगा.
मेक्स अस्पताल में शुरू हुई प्रारंभमिक जांच
मेक्स अस्पताल की मेडिकल टीम ने पहले ही उनकी प्रारंभिक जांच कर ली है. मुख्यमंत्री के वकील ने तर्क दिया है कि उनकी भलाई के लिए ये परीक्षण जरूरी हैं और अदालत से आवश्यक चिकित्सा जांच को पूरा करने के लिए विस्तार से इस पर विचार करने की रिक्वेस्ट की है.
केजरीवाल की अंतरिम जमानत से खड़ा हुआ विवाद
केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत ने विवाद खड़ा कर दिया है, भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय से “स्पेशल ट्रीटमेंट” मिला है. हालांकि, जमानत देने में शामिल न्यायाधीशों ने दृढ़ता से कहा है कि अरविंद केजरीवाल के पक्ष में कोई अपवाद नहीं बनाया गया है.