नई दिल्ली। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन PFI को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए 8 आरोपियों की जमानत रद्द कर दी है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि है। इन आठों पर आतंकी घटनाओं की साजिश का आरोप है।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की वेकेशन बेंच ने HC के जमानत देने के आदेश को रद्द किया है। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अधिकतम सज़ा के तहत जेल में बिताए गए सिर्फ 1.5 साल को ध्यान में रखते हुए हम जमानत देने के HC के आदेश में दखल दे रहे हैं।
दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने इन 8 आरोपियों को पिछले साल बेल दी थी। जिसके बाद आरोपियों को बेल मिलने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। बुधवार को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई और जस्टिस त्रिवेदी ने अपना फैसला दिया।
जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि PFI के इन सदस्यों पर देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। उन्होंने केवल 1.5 साल (डेढ़ साल) कारावास में बिताए हैं। इस वजह से हम हाईकोर्ट के जमानत पर रिहाई के फैसले में दखल दे रहे हैं। आठ आरोपियों में इदरीस, बरकतुल्ला, खालिद मोहम्मद, मोहम्मद अबुथाहिर, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद का नाम शामिल है।