आज यानी 20 मई का इतिहास बेहद खास है और दो नाविकों से जुड़ा है. यूरोप के दो नाविक जो भारत की खोज में निकले थे. एक ने इस दौरान अमेरिकी द्वीप को खोजा तो दूसरा आज ही के दिन भारत की धरती पर पहुंचा था. हम बात कर रहे हैं पुर्तगाली नाविक वास्को-डि-गामा और इटली के नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस की.
आज ही के दिन 1498 में वास्को-डि-गामा भारत के दक्षिणी छोर पर कालीकट के तट पर पहुंचे थे। वहीं, आज ही के दिन 1506 में क्रिस्टोफर कोलंबस का निधन हुआ। पहले बात करते हैं कोलंबस की.
कोलंबस 1492 में भारत की खोज पर निकले थे। दो महीने से ज्यादा की यात्रा के बाद जिस जगह वो पहुंचे उन्होंने उसे ही भारत समझ लिया। जबकि, वो अमेरिकी द्वीपों पर पहुंचे थे। जिस जगह कोलंबस पहुंचे थे वो बहामास का आइलैंड सैन सल्वाडोर था.
अब बात भारत पहुंचने वाले वास्को-डि-गामा की. कोलंबस की पहली यात्रा के करीब पांच साल बाद जुलाई 1497 में पुर्तगाल के युवा नाविक वास्को-डि-गामा भारत की खोज में निकले। यात्रा की शुरुआत पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन से हुई.
वास्को-डि-गामा का पहला ठिकाना बना दक्षिण अफ्रीका. कहा जाता है कि यहां मिले कुछ भारतीयों से ही उन्हें पता चला कि वो भारत नहीं दक्षिण अफ्रीका पहुंचे हैं। दक्षिण अफ्रीका से निकलकर वो आगे बढ़े तो उनके कई साथी बीमार पड़ने लगे। उन्हें अपनी यात्रा मोजाम्बिक में रोकनी पड़ी. यहां के सुल्तान को उन्होंने यूरोपीय उपहार दिए. इससे खुश सुल्तान ने वास्को-डि-गामा की भरपूर मदद की और भारत का रास्ता खोजने में भी मदद की.
आखिरकार, करीब 10 महीने के सफर के बाद 20 मई 1498 को वास्को-डि-गामा कालीकट के तट पर पहुंच गए. कालीकट में तीन महीने बिताने के बाद वो वापस पुर्तगाल लौटे। जब उन्होंने अपना सफर शुरू किया था तो उनके साथ 199 नाविक थे, लेकिन जब वो वापस पहुंचे तो उनके सिर्फ 55 नाविक जिंदा बचे थे.
इतिहास के दूसरे अंश में बात अंतरिक्ष विज्ञान की करेंगे. 20 मई 1990 ये वो तारीख है जब नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार अंतरिक्ष की तस्वीरें धरती पर भेजी थी. नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अप्रैल 1990 में हबल स्पेस टेलीस्कोप लॉन्च किया था. इसे डिस्कवरी स्पेस शटल के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया था. अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर एडविन पोंवेल हबल के नाम पर इस टेलिस्कोप को ‘हबल’ नाम दिया गया. नासा का एकमात्र ऐसा टेलिस्कोप है, जिसे अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है. 13.2 मीटर लंबा यह टेलिस्कोप 11 हजार किलोग्राम वजन का है.
2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान हुए घोटाले में 20 मई 2011 को CBI ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें भारतीय ओलिंपिक संघ के तत्कालीन प्रमुख सुरेश कलमाड़ी समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इससे पहले मार्च में CBI कलमाड़ी से पूछताछ कर चुकी थी. इसके बाद 25 अप्रैल को CBI ने कलमाड़ी को गिरफ्तार कर लिया। करीब 9 महीने जेल में रहने के बाद 19 जनवरी 2012 को कलमाड़ी को जमानत मिल गई.
20 मई को इतिहास में और किन-किन वजहों से याद किया जाता है-
2011: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मध्य प्रदेश के बीना में बनी ऑइल रिफाइनरी देश को समर्पित की.
2002: पूर्वी तिमोर आजाद घोषित हुआ.
2001: अफगानिस्तान में तालिबान ने हिंदुओं की अलग पहचान के लिए ड्रेस कोड बनाया.
1995: रूस द्वारा मानव रहित अंतरिक्ष यान ‘स्पेक्त्र’ का सफल प्रक्षेपण किया गया.
1990: हबल स्पेस टेलिस्कोप ने अंतरिक्ष से पहली तस्वीरें भेजीं.
1965: ब्रिटेन की पुलिस को हथियारबंद अपराधियों और खतरनाक व्यक्तियों के खिलाफ आंसू गैस की बंदूकें और गोले इस्तेमाल करने की इजाजत मिली.
1932: भारत में गरम दल के नेता और क्रांतिकारी विचारों के जनक विपिन चन्द्र पाल का निधन.
1902: क्यूबा को अमेरिका से आजादी मिल.। अमेरिका ने 1899 में स्पेन के साथ युद्ध के दौरान क्यूबा पर कब्जा कर लिया था.
1900: प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म हुआ। कहते हैं कि उनकी सलाह पर ही हरिवंश राय बच्चन ने अपने बेटे का अमिताभ रखा था.
1873: सैन फ्रांसिस्को के बिजनेसमैन लेवी स्ट्रॉस और दर्जी जेकब डेविस को दुनिया की पहली जीन्स बनाने का पेटेंट दिया गया.