नई दिल्ली। उत्तराखंड में होने वाली पवित्र चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है और कई श्रद्धालु यात्रा करने के लिए पहुंच चुके हैं। इसी बीच श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जिनका पालन सभी श्रद्धालुओं को करना होगा। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री इन चारों पवित्र धामों की यात्रा करने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। इसके साथ ही सरकार ने और भी नए नियम जारी करते हुए कई कामों पर बैन लगा दिया है।
चार धाम यात्रा के लिए जारी हुए नए नियम
उत्तराखंड में हर साल होने वाली चार धाम यात्रा बेहद पवित्र यात्रा मानी जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार से यात्रा का बेहद महत्व होता है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड में होने वाली चार धाम यात्रा में सम्मिलित होते हैं। श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस बार नियमों में सख्ती की है। अगर कोई भी उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा करने के लिए सोच रहा है। तो उसे रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा, बिना उसके कोई यात्रा नहीं कर पाएगा। यात्रा के रजिस्ट्रेशन लिए उत्तराखंड सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर करना होगा
रील बनाने पर भी लगा बैन
लोगों को सोशल मीडिया पर रील बनाने का चस्का बेहद लगा है, आप देखते होंगे कोई शापिंग माल हो, अस्पताल हो, सिनेमा हॉल हो, यहां तक की मंदिर के परिसर को भी अब लोगों ने नहीं छोड़ा। लोग पहले भगवान के दर्शन करने जाते थे। लेकिन अब रील बनाने ज्यादा जाते हैं। इस वजह से मंदिर में काफी भीड़ भी हो जाती है। जिसके चलते माहौल खराब हो जाता है। इसीलिए उत्तराखंड प्रशासन ने मंदिर और मंदिर के आसपास रील बनाना पूरी तरह से बैन कर दिया है। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। उत्तराखंड सरकार ने मंदिर परिसर में फोन के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। यानी आप मंदिर में जाएंगे तो आपको सिर्फ दर्शन करने दिए जाएंगे आप इस दौरान फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते।