Aaj Ka panchang: आज का पंचांग – 4 मई 2024 शनिवार चैत्र कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है तो वहीं एकादशी तिथि भी है. ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का इस्तेमाल ग्रह-नक्षत्रों की गणना कर दिन के सबसे शुभ और अशुभ मुहूर्त को जानने के लिए किया जाता है.
शनिवार 4 मई के दिन से जुड़ी सारी जानकारी के लिए आइए जानते हैं इस दिन का विस्तृत पंचांग-
तिथि : आज एकादशी तिथि है जो कि रात्रि 8:41 बजे (20:41:21) तक रहेगी. हिन्दू धर्म में एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है.
नक्षत्र : आज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है जो कि रात्रि 10:08 बजे (22:08:07) तक रहेगा. ज्योतिष में नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है और इनका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता है. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र को मिश्र फलदायी माना जाता है.
करण : बव और बालव – आज दो करण हैं. पहला करण बव प्रातः 10:05 बजे (10:05:52) तक रहेगा और दूसरा करण बालव रात्रि 8:41 बजे (20:41:21) तक रहेगा. करण तिथि का एक छोटा विभाजन होता है और इसका प्रभाव शुभ और अशुभ कार्यों के लिए देखा जाता है.
पक्ष : आज कृष्ण पक्ष चल रहा है. हिन्दू कैलेंडर में प्रत्येक महीने को दो भागों में बांटा जाता है – शुक्ल पक्ष ( waxing moon) और कृष्ण पक्ष (waning moon). कृष्ण पक्ष को सामान्य कार्यों के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है.
योग: आज इन्द्र योग है जो कि प्रातः 11:02 बजे (11:02:59) तक रहेगा. ज्योतिष में योग का मतलब होता है सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थितियों को. माना जाता है कि हर योग का एक निश्चित फल होता है. इन्द्र योग को शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है.
वार : आज शनिवार का दिन है. सप्ताह के सातों दिनों में से प्रत्येक का एक अधिपति ग्रह होता है. शनिवार का दिन शनि ग्रह द्वारा नियंत्रित होता है.
आगे देखें सूर्य और चंद्र की गणना:
- सूर्योदय: सूर्य आज सुबह 5:37 बजे (05:37:35) निकलेगा.
- सूर्यास्त: सूर्यास्त शाम 6:58 बजे (18:58:29) होगा.
- चंद्र राशि: आज चंद्रमा कुंभ राशि में है. रात्रि 4:39 बजे (16:39:08) के बाद चंद्रमा मीन राशि में गोचर करेगा.
- चंद्रोदय: आज चंद्रमा रात 11:33 बजे (27:33:59) के बाद उदय होगा.
- चंद्रास्त: कल दोपहर 2:56 बजे (14:56:00) चंद्रमा अस्त होगा.
- ऋतु : आज ग्रीष्म ऋतु चल रही है. हिन्दू धर्म में साल को छह ऋतुओं में बांटा गया है. वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु चल रही है, जो आमतौर पर मार्च से मई के मध्य तक होता है.
हिन्दू मास और वर्ष:
- विक्रम संवत: 2081
- कली संवत: 5125
- प्रविष्टे / गत्ते : 22
- मास पूर्णिमांत वैशाख: आज का दिन पूर्णिमांत गणना के अनुसार वैशाख महीने का है.
- मास अमांत चैत्र : वहीं अमांत गणना के अनुसार आज का दिन चैत्र महीने का है.
- दिन काल : आज दिन की लंबाई 13 घंटे 20 मिनट 53 सेकंड (13:20:53) है.
अशुभ समय: आज के दिन कुछ समय अशुभ माने जाते हैं, जिनमें कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.
दुष्ट मुहूर्त: सुबह 5:37 बजे से 6:30 बजे (05:37:35 से 06:30:58) तक और 6:30 बजे से 7:24 बजे (06:30:58 से 07:24:22) तक दुष्ट मुहूर्त है. इन समयों में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.
कुलिक: सुबह 6:30 बजे से 7:24 बजे (06:30:58 से 07:24:22) तक कुलिक का समय है.
कंटक: सुबह 11:51 बजे से 12:44 बजे (11:51:20 से 12:44:43) तक कंटक का समय है.
राहु काल: सुबह 8:57 बजे से 10:37 बजे (08:57:48 से 10:37:55) तक राहु काल है. राहु को ज्योतिष में अशुभ ग्रह माना जाता है और इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए.
कालवेला / अर्द्धयाम : दोपहर 1:38 बजे से 2:31 बजे (13:38:07 से 14:31:30) तक कालवेला या अर्द्धयाम है. इस दौरान भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.
यमघण्ट: शाम 3:24 बजे से 4:18 बजे (15:24:54 से 16:18:18) तक यमघण्ट का समय है.
यमगण्ड : दोपहर 1:58 बजे से 3:38 बजे (13:58:08 से 15:38:15) तक यमगण्ड का समय है.
गुलिक काल : सुबह 5:37 बजे से 7:17 बजे (05:37:35 से 07:17:41) तक गुलिक काल है.
शुभ समय: आज के दिन कुछ शुभ मुहूर्त भी हैं, जिनमें आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं.
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:51 बजे से 12:44 बजे (11:51:20 से 12:44:43) तक अभिजीत मुहूर्त है. यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है.
दिशा शूल : आज पूर्व दिशा में शूल है. किसी भी यात्रा के लिए पूर्व दिशा से बचना चाहिए.
चन्द्रबल और ताराबल : आज चंद्रमा कुंभ और उसके बाद मीन राशि में चल रहा है. ज्योतिष में चंद्रमा की स्थिति का हमारे जीवन पर प्रभाव माना जाता है. आज ताराबल (शुभ नक्षत्रों) में भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु आदि शामिल हैं. ये ताराबल शुभ कार्यों के लिए फलदायक माने जाते हैं. इस पंचांग की जानकारी के आधार पर आप अपने दिन की योजना बना सकते हैं और शुभ एवं अशुभ मुहूर्तों को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यों को कर सकते हैं.