हम सभी सुबह उठकर नित्य अपने- अपने ईष्ट की पूजा करते हैं। वास्तुशास्त्र शुभ- अशुभ दिशाओं के बारे में ही नहीं बल्कि पूजा पाठ के बारे में भी बताया गया है। पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखा चाहिए इस सभी बातों की ओर ध्य्न देना चाहिए नहीं तो शुभ की जगह अशुभ फल मिलने का भय लगा रहता है। हमारी मनोकामना पूरी हो और हम ऐसा क्या करें जिससे हमें लाभ हो सकते के लिए वास्तुशास्त्र कुछ नियम बताए गए हैं। जिनके बारे में हम आप को आज बताने वाले हैं।
धूप, दीप, शंख और पुष्पः जब आप पूजा कर रहे हों तो शंख, दीप, धूप, यंत्र, पुष्प, तुलसीदल, कपूर, चंदन, जपमाला आदि जैसी पूजापाठ की चीजों को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इस सबंध में कहते हैं कि इन सभी चीजों का प्रयोग पूजा में किया जाता है, इसलिए इन्हें कभी जमीन पर सीधे नहीं रखना चाहिए। इसलिए इन सभी चीजों को किसी आसन या फिर चौकी पर रखें।
शालिग्राम या शिवलिंगः जैसा कि आप जानते हों कि शास्त्रों में शालिग्राम को भगवान विष्णु का और शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। इसलिए इन्हें कभी भी भूलकर जमीन में नहीं रखना चाहिए। मंदिर की साफ-सफाई के दौरान लोगों से ये गलती होने की आशंका रहती है। ऐसे में सफाई करते समय इन्हें किसी कपड़े में रखकर किसी स्वच्छ स्थान पर रखना चाहिए और फिर साफ सफाई करनी चाहिए।
रत्न- शास्त्रों के अनुसार, मोती, हीरा और सोना जैसे बहुमूल्य रत्न को कभी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। कहते हैं कि धातु का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। ऐसे में इन्हें सीधे जमीन पर रखना अपशगुन माना जाता है। अगर आपके पास इनसे जुड़ा कोई भी गहना है तो उसे सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
सीप- सीप की उत्पत्ति समुद्र से हहुई थी इसलिए इसका संबंध लक्ष्मी जी से माना जाता है। इस कारण इसे सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा में सीप और कौड़ी का विशेष महत्व होता है। इसलिए इन्हें जमीन पर नहीं रखना चाहिए।