बिलासपुर। रिटायर्ड डीजीपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ की जा रही लोक आयोग की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। आयोग को उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरण निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही शिकायतकर्ता माणिक मेहता को छूट दी है कि वे नए सिरे से विधिवत शिकायत दर्ज करा सकते हैं। गुप्ता के खिलाफ मेहता ने सन् 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने मिक्की मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के नाम पर राज्य शासन से तीन करोड़ रुपये का अनुदान लिया। अनुदान की राशि से गरीबों को मोतियाबिंद के मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध करानी थी लेकिन गुप्ता ने इसका इस्तेमाल अपना लोन पटाने के लिए किया।
ट्रस्ट ने एमजीएम नेत्र संस्थान भवन के लिए एसबीआई बैरन बाजार, रायपुर शाखा से तीन करोड़ 10 लाख रुपये का लोन लिया था। लोक आयोग के अलावा माणिक मेहता ने ईओडब्ल्यू में भी शिकायत की थी, जिस पर मुकेश गुप्ता उनके ट्रस्टी पिता जयदेव गुप्ता तथा डायरेक्टर डॉ. दीपशिखा अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 तथा 120 (बी) के तहत अपराध दर्ज किया था। लोक आयोग में दर्ज शिकायत की वैधानिकता को लेकर गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद लोक आयोग को उनका प्रकरण निरस्त करने का आदेश दिया है।