नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े लॉन्ड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। इस केस के रद्द होने से ED को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत आईटी अधिनियम अपराध पर आधारित थी, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के मुताबिक अपराध नहीं है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुईयां की डबल बेंच शुक्रवार को रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित अन्य 6 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की थी। इसके बाद अगली सुनवाई 8 अप्रैल यानी आज हुई, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की डबल बेंच ने फैसला सुनाया है।
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया था। साल 2019-22 में ये कथित घोटाला किया गया। जिसमें 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा काले धन की कमाई का आरोप लगाया गया। दिल्ली की एक अदालत में आयकर विभाग ने 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर चार्जशीट दायर की थी।
पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर लगी थी रोक
अनिल टुटेजा और यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर करीब 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने ED की कार्रवाई को गलत बताया था। कहा था कि, जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है, उसमें कोई ठोस बेस नहीं है। यानी ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की।