रायपुर। नवापारा अभयारण्य के सिरपुर जंगल में घूमते हुए बाघ की जानकारी जुटाने के लिए वन विभाग ने दूसरे राज्यों को चिट्ठी लिखी है। दरअसल, जंगल सफारी के दौरान एक बाघ यहां से निकल रहे सैलानियों की कार के एकदम पास तक आ गया। वह पूरी शान से बिना किसी हिचक आसपास घूमता रहा। करीब 5 मिनट तक बेखौफ घूमने के बाद वह जंगल में वापस चला गया।
इस बाघ को लेकर वन विभाग ने सरहदी राज्यों को पत्र लिखकर पूछा कि आपके जंगल से कोई बाघ गुम तो नहीं है।
30 साल बाद दिखा कोई बाघ
रायपुर से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित बार नवापारा अभयारण्य में मार्च के पहले सप्ताह में महासमुंद जिले के हिस्से आने वाले जंगल में गांव वालों को अचानक एक टाइगर नजर आया। ये 30 साल बाद था कि इस जंगल में कोई बाघ दिखा था। वन विभाग को पता चला तो उन्होंने भी तलाश शुरू की। इसी बीच उसी इलाके में अलग-अलग स्थानों से गांववालों ने बाघ के वीडियो वायरल किए।
‘ये टाइगर जिसका भी है ले जाए’
इसमें एक में वो रात में जंगल से लगे गांव की सड़क से निकल रहा था तो दूसरे वीडियो में गाय का शिकार कर रहा था। इसकी ट्रैकिंग कर रहा वन विभाग पहले तो इन वीडियो को बार नवापारा का होने से इनकार करते रहे, लेकिन बाद में विभाग को भी यह बाघ दिख ही गया। इसके बाद विभाग ने वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) को पत्र लिखकर कहा कि उनके जंगल में कहीं से बाघ भटक कर आ गया है। फिर एनटीसीए ने छत्तीसगढ़ से लगे महाराष्ट्र के ताड़ोबा नेशनल पार्क, मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क, ओडिशा वन विभाग और पश्चिम बंगाल के सुंदरवन प्रशासन को पत्र लिखकर पूछा कि क्या उनके यहां का कोई बाघ गुम है। अब इन सभी जगहों पर बाघों की गिनती शुरू कर दी। जैसे ही कहीं से बाघ कम होने की जानकारी मिलेगी, इसकी पहचान हो जाएगी फिर इसे वहां भेजने पर विचार होगा।
अब आगे क्या
• कैमरे की फोटो नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को भेजी गई है। इसकी धारियों से अनुमान लगाया जाएगा कि ये किस इलाके का है।
मॉनीटरिंग की जा रही एनटीसीए और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया को सूचना दे दी गई है। वहीं इस मामले को लेकर मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी विश्वेश झा ने कहा कि, गाइडलाइन का पालन कर मॉनीटरिंग की जा रही है। सभी नेशनल पार्क प्रबंधन को जानकारी दे दी गई है।