नई दिल्ली, 30 मार्च। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर देश के आम नागरिकों को भारी कर्ज में डूबने का आरोप लगाते हुए कहा है, जब देश की जनता का भला नहीं हो रहा है तो उन पर कर्ज में क्यों थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्ष में अकेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार देश का कर्ज़ ने बढ़ाकर 205 लाख करोड़ पहुंचा दिया है। इनकी सरकार ने लगभग 150 लाख करोड़ कर्ज लिया बीते 10 साल में। आज देश के हर नागरिक पर लगभग डेढ़ लाख का औसत कर्ज बनता है।”
उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “यह पैसा राष्ट्र निर्माण के किस काम में लगा। क्या बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा हुईं या दरअसल नौकरियाँ तो गायब हो गईं। क्या किसानों की आमदनी दोगुनी हो गई। क्या स्कूल और अस्पताल चमक उठे। सार्वजनिक क्षेत्र मजबूत हुआ या कमजोर कर दिया गया। क्या बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां और उद्योग लगाये गये।”
वाड्रा ने कहा, “अगर ऐसा नहीं हुआ, अगर अर्थव्यवस्था के कोर सेक्टर्स में बदहाली देखी जा रही है, अगर श्रम शक्ति में गिरावट आई है, अगर छोटे-मध्यम कारोबार तबाह कर दिए गए – तो आखिर यह पैसा गया कहाँ। किसके ऊपर खर्च हुआ? इसमें कितना पैसा बट्टेखाते में गया। बड़े-बड़े खरबपतियों की कर्जमाफी में कितना पैसा गया।
अब सरकार नया कर्ज लेने की तैयारी कर रही है तो सवाल उठता है कि पिछले 10 साल आम जनता को राहत मिलने की बजाय जब बेरोजगारी, महंगाई आर्थिक तंगी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है तो भला भाजपा सरकार जनता को कर्ज में क्यों डुबो रही है।”