ग़ाज़ीपुर। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को कब्रिस्तान में दफना दिया गया है। मुख्तार को उसकी मां की कब्र के साथ ही दफनाया गया है। कब्रिस्तान के बाहर भारी भीड़ मौजूद है। समर्थकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। मुख्तार का बेटा उमर अंसारी भी मौजूद रहा। उसने आखिरी बार पिता की मूछों को ताव दिया। वहीं मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी भी कब्रिस्तान में मौजूद रहे। 7.5 फीट की क्रब में मुख्तार अंसारी और उसकी दहशत दफन हो गई है। वहीं बेटा अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो सका फफक फफक कर पूरी रात रोता रहा।
अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शुक्रवार देर रात मुख्तार के पोस्टमॉर्टम से पुष्टि हुई कि माफिया की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई। इसमें कहा गया है कि शव परीक्षण पांच डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया था। जांच के बाद मुख्तार का शव उनके छोटे बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया, जो शव परीक्षण के समय रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मौजूद थे।
एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि कालीबाग में ही अंसारी परिवार के लोगों को दफनाया जाता रहा है और मुख्तार को दफनाने के लिए उनके माता-पिता की कब्र के पास गड्ढा बनाया गया है। मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। हालांकि, अंसारी के पोस्टमॉर्टम से इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। अस्पताल के सूत्रों ने यह जानकारी दी। बांदा मेडिकल कालेज में शुक्रवार को अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कराये जाने के बाद शाम पौने पांच बजे 26 वाहनों के सुरक्षा काफिले के साथ उसका शव करीब साढ़े आठ घंटे में लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद देर रात एक बजकर 10 मिनट पर उसके पैतृक आवास पर लाया गया।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंसारी के आवास पर काफी भीड़ जमा हो गयी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बहुत से लोग पूरी रात वहां जमे रहे लेकिन सुबह तक भीड़ कुछ कम हो गयी। शनिवार सुबह से ही फिर लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अंसारी के आवास पर उसके बड़े भाई गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी, बड़े भाई व पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी, छोटा बेटा उमर अंसारी, भतीजा व विधायक सुहेब अंसारी समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद हैं लेकिन मुख्तार के बड़े बेटे व विधायक अब्बास अंसारी के जनाजे में शामिल होने की उम्मीद लगभग समाप्त हो गयी है। अब्बास अंसारी आपराधिक मामलों में कासगंज की जेल में निरुद्ध है।