मो.रमीज राजा (सूरजपुर)
सरकार की नीतियों के खिलाफ श्रमिक संगठनों की हड़ताल, कोयला खदानों में काम प्रभावित
सुरजपुर/:– केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देश व्यापी हड़ताल का जिले की खदानों में व्यापक असर देखने को मिला. यूनियन के नेताओं ने खदानों के बाहर अपनी आवाज बुलंद की. पहली शिफ्ट में बड़ी संख्या में कोयला कर्मी ड्यूटी पर नहीं गए. एसईसीएल भटगांव क्षेत्र और बिश्रामपुर एसईसीएल क्षेत्र के कोयला खदानों में हड़ताल का असर दिखा. संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर खदानों में कार्यरत ठेकेदारी और डिपार्टमेंटल कामगारों ने समर्थन देते हुए एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल में अपनी आवाज़ बुलंद की है।
श्रमिक यूनियन के नेताओं का कहना है कि केंद्रीय श्रम संगठनों ने दिल्ली मे संयुक्त कन्वेंशन कर औद्योगिक हड़ताल का ऐलान किया था. मजदूरों ने केंद्र सरकार की श्रम कानून को मजदूर विरोधी बताया है. उन्होंने देश के मेहनतकश कामगारों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही इस कानून के जरिए कुछ चुनिंदा उद्योग मालिकों को फायदा पहुंचाने और श्रम कानून को कमजोर करने का आरोप मजदूर संगठन ने लगाए हैं।
मजदूर यूनियन हड़ताल में शामिल ट्रेड यूनियन ने खदान क्षेत्र में सरकार के कथित मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ उन्होंने जमकर नारे भी लगाए. मजदूरों के हड़ताल को देखते हुए खदान क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
जिले के बिश्रामपुर में 16 फरवरी के औद्योगिक हड़ताल को कामयाब करने के लिए रणनीति बनाई गई थी, जिसके तहत 13 फरवरी को बिश्रामपुर में एक कन्वेंशन किया गया था. इसमें सूरजपुर जिले के सभी श्रम संगठनों के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था. उस कन्वेंशन में हड़ताल करना क्यों आवश्यक है, इस पर चर्चा कर रणनीति बनाई गई थी. ताकि औद्योगिक हड़ताल को सूरजपुर जिले में सफल बनाया जा सके।
यूनियन संघ की प्रमुख मांगे
घोषित न्यूनतम वेतन 17,494/- रु. अकुशल, 19,279/-रु. अद्धकुशल, 21,215/- रु. कुशल श्रमिकों के लिए सख्ती से लागू करो, मंहगाई अनुसार 26,000 रुपए मासिक न्यूनतम वेतन की घोषणा करो। 10,000 रुपए मासिक पेंशन लागू करो, ईएसआई, पीएफ और बोनस कानून में संशोधन कर वेतन की सीमा को 31,000/- करो, कारखानों/संस्थानों में मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करो। महिला श्रमिक के लिए समान वेतन की नीति लागू करो, उत्पीड़न व भेदभाव चंद करो, ई-श्रम कार्ड में पंजीकृत सभी 32 लाख असंगठित क्षेत्र के मेहनतकशों को समाजिक सुरक्षा योजना बना लागू करो, ठेकाकरण बंद करो ! ठेका श्रमिकों को पक्के श्रमिक के समान वेतन व अन्य सभी कानूनी सुविधा दो, एम.सी.डी., दिल्ली सरकार व केन्द्र सरकार के विभागों में वर्षों से कार्यरत सभी ठेका श्रमिक/कर्मचारी को वहीं पक्का करो, चार लेबर कोड रद्द करो, सभी को समाजिक सुरक्षा (ईलाज, बुढ़ापा पेंशन, दुर्घटना बीमा, मृत्यु बीमा इत्यादि) दो, बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 वापस लो, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण बंद करो,, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मौलिक सेवाओं का निजीकरण बंद करो, फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करो! सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद सुनिश्चित करो, अंसगठित क्षेत्र के महिलाओं और पुरूषों को कामगार की मान्यता दी जाये। घरेलू कामगार, रेहड़ी-पटरी कामगार, घर खाता कामगार, कचरा प्रबंधक कामगार, निर्माण श्रमिक, आशा-आंगनवाड़ी-मिड डे मिल वर्कर, ई-रिक्शा, ऑटो चालक तथा परिहवण क्षेत्र के अन्य चालक-परिचालक, पल्लेदार आदि तमाम कामगारों के वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून बनाओ, 13 महीने चले किसान आंदोलन को दबाने के लिए बनाए गए फर्जी मुकदमें वापस लो, सरकारी विभागों को बेचने वाली ‘नेशनल मोनिटाईजेशन पाइपलाईन’ योजना रद्द करो, 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करते हुए अधिग्रहित ज़मीन के बदले 4 गुणा मुआवजा, परिवार के सदस्य को रोज़गार, भूमिहीनों को जमीन तथा 10 फीसदी अधिग्रहित विकसित भूमि को वापस करो, लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्रा टेनी को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्रीमंडल से हटाओ व उस पर मुकदमा दर्ज करो, किसानों से किए गए वादे पूरे करो