नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सत्यपाल सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) को राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Temple) का श्रेय जाता है और कांग्रेस ने राम के अस्तित्व को ही नकारा था, वहीं विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा के ‘जय श्रीराम’ में कटुता और क्रोध नजर आता है तथा उसे अहंकार में देश की अस्थिरता नजर नहीं आती। लोकसभा में शनिवार को नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा हुई।
चर्चा का प्रस्ताव भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने रखा। उन्होंने चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि राम विभिन्न धर्मों और भौगोलिक सीमाओं से परे सबके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस कालखंड में मंदिर बनते देखना और प्राण प्रतिष्ठा होना अपने में ऐतिहासिक है। भगवान राम सांप्रदायिक विषय नहीं हैं। श्रीराम केवल हिंदुओं के लिए नहीं, वो हम सबके पूर्वज और प्रेरणा हैं। राम के समय में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई अलग-अलग मत, पंथ नहीं थे।”
सिंह ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए दावा किया कि 2007 में रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच रामसेतु परियोजना पर तत्कालीन संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दिया था कि राम नाम के कोई व्यक्ति नहीं हैं, वह काल्पनिक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राम को उस समय नकारा, इसलिए आज उनकी यह स्थिति है। सिंह ने कहा कि भगवान राम के अस्तित्व को नकारना अपनी संस्कृति, सभ्यता, विरासत को नकारना था। सिंह ने कहा कि हर युग में कुछ युगपुरुष होते हैं जिन्हें आने वाला समय याद रखता है।
उन्होंने मशहूर शायर अल्लामा इकबाल का एक शेर भी पढ़ा, ‘‘हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है। बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।” उन्होंने कहा कि ऐसे ही युगपुरुष, ऐसे ही दीदावर प्रधानमंत्री मोदी हैं जिन्हें राम मंदिर निर्माण का श्रेय जाता है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आए, उन्होंने राम मंदिर बनाया और देश में रामराज्य लाने का भी काम किया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी सर्वधर्म सद्भाव और सभी के सुखी होने की महात्मा गांधी की रामराज्य की परिकल्पना के आधार पर देश की सेवा करती आई है, जबकि भाजपा नीत राजग सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिलाएं सभी के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान जाने से इसलिए रोका गया ताकि उन्हें टीवी चैनलों पर आने का मौका नहीं मिले। गोगोई ने कहा कि भाजपा सदस्यों के ‘जय श्रीराम’ के नारे में कटुता और क्रोध नजर आता है। उन्होंने भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा, ‘‘अगर आपकी वाणी में घृणा हो तो आप रामभक्त हो ही नहीं सकते।” उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस देश का जन्म 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद नहीं हुआ। इस देश का जन्म 22 जनवरी 2024 को नहीं हुआ। राम लला 500 वर्ष पहले भी हमारे साथ थे। आज भी हैं, कल आपकी सरकार जाने के बाद भी हमारे साथ रहेंगे। राम हमारे मन में हैं।” उन्होंने कहा कि गांधीजी की रामराज्य की परिभाषा है, ‘‘जहां सभी खुश हैं, कोई दुखी नहीं।”
गोगोई ने कहा, ‘‘मेरा हिंदू धर्म सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाता है। इसमें रामराज्य का रहस्य छिपा है।” उन्होंने कहा कि भगवान राम की सेना में पिछड़े, वंचित और शोषित लोग थे, उन्होंने सभी को ताकत दी थी, आत्मविश्वास दिया था। गोगोई ने कहा, ‘‘यही तो गांधी के रामराज्य की परिभाषा थी। लेकिन आजअनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। क्या यह रामराज्य है। पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है क्योंकि उनके साथअन्याय हो रहा है, भेदभाव हो रहा है।”