अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही रामनगरी में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ रहा है। रोजाना डेढ़ से दो लाख भक्त रामलला के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। 18 दिनों में करीब 40 लाख भक्त रामलला के दरबार में दर्शन-पूजन कर चुके हैं। भीड़ का क्रम लगातार जारी है। एक अनुमान के मुताबिक रामनवमी में एक करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आ सकते हैं। प्रशासन अभी से भीड़ नियंत्रण की योजना पर काम करने लगा है। इसके लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जा रहे हैं।
रामनवमी मेला नौ दिनों का होता है। मुख्य पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामजन्मोत्सव में रूप में मनाया जाता है। इस बार रामनवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी। उत्सव की शुरुआत चैत्र नवरात्र के शुभारंभ के साथ हो जाएगी। नौ दिनों तक अयोध्या में कथा, प्रवचन समेत अन्य अनुष्ठानों की धूम रहेगी। पिछले साल रामनवमी के दिन करीब सवा दो लाख भक्तों ने अस्थाई मंदिर में विराजे रामलला के दर्शन किए थे। जबकि अयोध्या में 25 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी।
उस समय रामलला का दर्शन मार्ग संकरा था, अस्थायी मंदिर में सुविधाओं का अभाव था, गर्भगृह परिसर की क्षमता भी कम थी लेकिन अब सुविधाओं की भरमार है। 100 फीट चौड़ा राम जन्मभूमि पथ बन गया है। रामलला भव्य महल में विराजमान हो गए हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि रामनवमी में करीब एक करोड़ अयोध्या पहुंच सकते हैं।
भीड़ बढ़ने पर क्षीरेश्वरनाथ मंदिर के सामने स्थित राम जन्मभूमि के गेट नंबर तीन से श्रद्धालुओं की निकासी करने का निर्णय लिया गया है। 40 फीट चौड़ा यह यह मार्ग भी बनकर तैयार हो चुका है। पहले इस मार्ग का प्रयोग वीआईपी मूवमेंट के लिए होता था। साथ ही मंदिर परिसर के उत्तर दिशा में भी एक नया रास्ता बनाया जा रहा है। रेलवे स्टेशन से राम जन्मभूमि पथ को जोड़ने के लिए सुग्रीव पथ भी तैयार करने की योजना है।