नई दिल्ली: काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को भारी-भरकम मानदेय देने का फैसला किया गया है. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी को 90 हजार, कनिष्ठ पुजारी को 80 हजार और सहायक पुजारी को 65 हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा. इसके अलावा राज्य कर्मचारियों के तर्ज पर इन्हें भत्ते भी दिए जाएंगे. काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 105 वीं बैठक में 41 साल बाद पुजारी सेवा नियमावली को लेकर सहमति बन गई है. जिसके तहत मंदिर न्यास ने तमाम बड़े फैसले किये है.
बैठक में यह फैसला लिया गया कि विश्वनाथ मंदिर में पुजारियों के कुल 50 पद होंगे. इसकी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा. सभी का अलग-अलग रंग का ड्रेस कोड होगा, जिसमें कुर्ता-धोती व दुपट्टा आदि शामिल होगा. काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से बनारस के सभी संस्कृति स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक छात्रों को फ्री ड्रेस और पुस्तकें दी जाएंगी.
जानें नई नियमावली में क्या-क्या लिये गए फैसले?
दरअसल यूपी सरकार की तरफ से साल 1983 में मंदिर के अधिग्रहण के बाद से ही पुजारी सेवा नियमावली ठंडे बस्ते में थी. 40 साल में भी सेवा नियमावली न बनने और पुजारियों के वेतनमान तय न होने को लेकर लगातार सवाल उठते रहे थे लेकिन अब नए बदलाव के बाद जब इसे लागू किया गया है. इस नियमावली में समय-समय पर मंदिर के कर्मचारियों, पुजारियों और सेवादारों को प्रमोशन के साथ-साथ छुट्टियां भी मिलेगी. जितने भी प्रस्ताव न्यास परिषद में रखे गए उसे सर्वसम्मत से पारित हो गया.
हर रोज काशी विश्वनाथ के प्रसाद का वितरण
पहली बार मंदिर संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन कराये जाने की योजना तैयार की गई है. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि वाराणसी में बड़े पैमाने पर हर रोज काशी विश्वनाथ के प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा. पौराणिक धार्मिक स्थलों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और घाटों पर रहने वालों को बाबा का प्रसाद वितरित किया जाएगा. प्रसाद में खिचड़ी, छोले चावल और पूड़ी सब्जी दिए जाने का प्रस्ताव है. न्यास की बैठक में डीएम एस राज लिंगम, काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, प्रोफेसर बृजभूषण ओझा, पंडित दीपक मालवीय समेत अनेक लोग मौजूद रहे.