मो.रमीज राजा (सूरजपुर)
वर्तमान महाप्रबंधक प्रदीप कुमार की निष्क्रियता का कारण यह तो नहीं की एक वर्ष बाद मेरी रिटायरमेंट है तो क्यों रहूं परेशान खदान खुलवाने में।
सूरजपुर/भटगांव:– एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के वर्तमान महाप्रबंधक प्रदीप कुमार और अन्य अधिकारियों की लापरवाही की वजह से कई भूमिगत खदान बंद होने के कगार पर खड़े हैं जिसको लेकर एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के कोयला खदानों में कार्यरत मजदूर चिंतित दिखाई दे रहे हैं और कहीं ना कहीं दबे सुर आवाज उठ रही है कि अन्य खदानें यदि बंद हो गई तो हमारा क्या होगा जिस विषय के प्रति महाप्रबंधक गंभीर दिखाई नहीं देता कि बंद पड़ी कोयला खदानें चालू करने के लिए प्रयास किया जाए।
अपनी अस्तित्व बचाने सिस्टम और क्षेत्रीय अधिकारियों लड़ रहा है कोयला खदान
बंद पड़ी कोयला खदानें और आने वाले समय में बंद होने वाले कोयला खदानों को लेकर चिंतित मजदूर और मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों के द्वारा इस विषय को लेकर कई बार पत्र लिखा जा चुका है धरना प्रदर्शन किया जा चुका है फिर भी वर्तमान महाप्रबंधक प्रदीप कुमार ऐसे विषय पर गंभीर दिखाई दें ऐसा कहीं नजर नहीं आता। एसईसीएल के उच्च अधिकारियों को कई बार पत्रों के माध्यम से बताया गया है कि संबंधित क्षेत्रीय जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण भटगाँव क्षेत्र बुरे दौर से गुजर रहा है और कभी उत्पादन में अव्वल स्थान रखने वाला भटगाँव क्षेत्र वर्तमान में अपनी अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा है।
महाप्रबंधक के निष्क्रियता का परिणाम बंद पड़े कोयला खदानों में अब भी लाखों तक कोयला पड़ा
भटगांव एसईसीएल क्षेत्र के कथित वर्तमान जिम्मेदार अफसरों की हठधर्मिता के कारण भटगाँव क्षेत्र की 5 कोयला खदानें बन्द हो चुकी हैं वही बन्द हुई खदानों में क्षेत्र की दुग्गा ओपन कास्ट परियोजना समेत महान एक व महान दो ओपन कास्ट परियोजना, कल्याणी भूमिगत परियोजना एवं महामाया भूमिगत परियोजना शामिल है जबकि बात यहीं समाप्त नहीं होती अधिकारियों की ऐसी निष्क्रियता जिसका परिणाम बंद पड़े कोयला खदानों में लाखों टन कोयला अभी भी पड़ा हुआ है जिसकी खामियां जा कहीं ना कहीं कंपनी भुगत रही है बंद कर दी गई कोयला खदानों में अभी भी लाखों टन कोयला भंडारित है जहां वर्तमान महाप्रबंधक प्रदीप कुमार को भटगांव महाप्रबंधक बनाए जाने के बाद से उच्च अधिकारियों के द्वारा निर्देशित किया गया था कि बंद पड़े कोयला खदानों से बचे हुए कोयला का उत्पादन कराया जाए लेकिन भटगाँव क्षेत्र के कोयला खदानों के महाप्रबंधक प्रदीप कुमार की निष्क्रियता के कारण नतीजा आज वहां जा पहुंचा है जहां वर्तमान में कई कोयला खदान बंद होने के कगार पर हैं और उन खदानों पर कार्यरत मजदूरों की भविष्य संकट में दिखाई दे रही है जिसको लेकर मजदूर कहीं ना कहीं चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
बंद होते कोयला खदानों को देख सैकड़ो मजदूर चिंतित
भटगाँव क्षेत्र की कई भूमिगत खदान पर्यावरणीय स्वीकृति एवं सीटीओ के अभाव में बंद होने के कगार पर हैं। ऐसी स्थिति निर्मित होने की संभावना से सैकड़ो कोयला मजदूर विस्थापन की संभावना से भयभीत हैं जहां पूर्व में यूनियन के नेताओं के द्वारा कंपनी के सीएमडी से मांग की गई थी कि भटगांव क्षेत्र की कोई भी खदान बंद ना हो और क्षेत्र की प्रस्तावित महामाया ओपन कास्ट परियोजना तथा मदननगर ओपन कास्ट परियोजना को जल्द से जल्द प्रारंभ करने की दिशा में उचित पहल की जाए जिसके कारण खदानों में कार्य करने वाले मजदूर को अन्य स्थानों में विस्थापन की मार झेलनी ना पड़े जिसको सोच-सोच कर मजदूर चिंतित हुए पड़े है।