पंजाब। लाल पुरोहित के इस्तीफे के बाद अब देश की पहली महिला IPS अधिकारी Kiran Bedi को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। बता दें कि, पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के कारण किरण बेदी को राज्यपाल बनाए जाने के चर्चे खूब चल है, क्योंकि एक समय वे आम आदमी पार्टी का हिस्सा थीं। गौरतलब है कि, इससे पहले किरण बेदी पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी रह चुकी हैं।
दिल्ली के चाणक्यपुरी में पहली पोस्टिंग
किरण बेदी अपने पद पर करीब साढ़े 4 साल तक रही थीं। 29 मई 2016 को उन्हें पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया। हालांकि पिछले दिनों पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और मांग की थी कि एलजी किरण बेदी को वापस बुलाया जाए। उनके खिलाफ पुडुचेरी में लगातार प्रदर्शन किए जा रहे थे। बावजूद इसके वह देश की बेहद चर्चित और कामयाब महिलाओं में शुमार की जाती रही हैं।
1975 में गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली पुलिस के सभी पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला
तेजतर्रार पुलिस अफसर के रूप में ख्यात बटोरने वालीं किरण बेदी की पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी के साथ लगातार नोक-झोंक चलती रही। 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद राजस्थान के माउंट आबू में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग दिल्ली में हुई। वह चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में सब-डिविजनल पुलिस अफसर के रूप में तैनात हुईं। वह 1975 में गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली पुलिस के सभी पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने दिल्ली के अलावा गोवा, चंडीगढ़ और मिजोरम में भी अपनी सेवाएं दीं।
इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवा लिया था
किरण बेदी को क्रेन बेदी के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली ट्रैफिक में तैनाती के दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवा लिया था।
तिहाड़ जेल में किए बड़े बदलाव
किरण बेदी को दिल्ली के तिहाड़ जेल में बड़े बदलाव के लिए जाना जाता है। 1993 में वह दिल्ली जेल की इंस्पेक्टर जनरल (IG) बनीं और यहां पर उन्होंने कई क्रांतिकारी बदलाव (जेल में नशामुक्ति अभियान समेत कई अभियान) किए जिसके लिए उन्हें 1994 में एशिया का नोबेल कहे जाने वाले रेमन मैगसेसाय अवॉर्ड से नवाजा गया। बाद में उन्होंने यूनाइटेड नेशंस में भी अपनी सेवाएं दीं। 35 साल से भी ज्यादा वक्त तक पुलिस और जेल में सुधार के लिए ढेरों काम किया।
नॉन-फिक्शन फीचर फिल्म
डॉक्टर किरण बेदी के जीवन पर एक नॉन-फिक्शन फीचर फिल्म ‘यस मैडम सर’ बन चुकी है। इस फिल्म को ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता, मेगन डोनमैन ने प्रोड्यूस किया था। इस फिल्म को सांता बारबरा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में “सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र” घोषित किया गया था। आक्रामक कार्यशैली की वजह से लगातार चर्चा में रहने वाली किरण बेदी ने 2007 में दिल्ली पुलिस का कमिश्नर नहीं बनाए जाने से नाराज होकर नवंबर 2007 में निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था।
राजनीति में मिली नाकामी
इसके बाद वह सामाजिक सेवा के कार्यों में लग गईं। 2010 में अरविंद केजरीवाल के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में शामिल हो गईं। बाद में उन्होंने केजरीवाल का साथ छोड़ दिया। और 2014 में तब भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया। बाद में 2015 में वह बीजेपी में शामिल हो गईं। 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में बेदी बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार थीं, लेकिन वह चुनाव हार गईं। कुछ समय तक पर्दे से गायब रहने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें मई 2016 में पुडुचेरी का उपराज्यपाल बनाकर भेज दिया। लेकिन दक्षिण के एक बेहद छोटे से क्षेत्र की उपराज्यपाल रहने के दौरान सरकार के साथ विवादों के कारण राष्ट्रीय परिदृश्य में लगातार बनी रहीं।
बेदी बनी एशियाई टेनिस चैंपियन
वह मेधावी छात्रा और बेहतरीन खिलाड़ी भी रही हैं और उनके पास लॉ, मास्टर्स और डेक्टोरेट की डिग्री है। यही नहीं उनके पास पोस्ट डेक्टोरेल डिग्री भी है। किरण बेदी का जन्म 9 जून, 1949 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। इनके पिता का नाम प्रकाश पेशावरिया और माता का नाम प्रेमलता है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा अमृतसर के सैक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल में हुई थी। पढ़ाई के इतर किरण बेदी खेल जगत में भी बड़ा नाम रही हैं। टेनिस में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन बनने के बाद एशियाई चैंपियन बनने का भी गौरव हासिल किया। बेदी ने कई किताबें लिखी हैं। साथ ही अखबारों और मैगजीन में कॉलम लिखती रही हैं।