रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीनों हिन्दी भाषी राज्यों में जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश में उसने सत्ता वापस हासिल करने में सफलता पाई है तो वहीं राजस्थान और छतीसगढ़ से उसने कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि तेलंगाना में कांग्रेस जीत हासिल करने में सफल रही। लेकिन इन चुनावों में हिस्सा लेने वाली आम आदमी पार्टी की हालत अब भी बेहद खराब है।
आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान में अपने कुल 215 उम्मीदवार उतारे थे। राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने खुद जम कर प्रचार किया था। लेकिन खुद को कट्टर ईमानदार कहने वाली AAP कहीं नहीं दिख रही है।
बात करें अगर 90 विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ की तो AAP ने 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन यहाँ इनका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब नही हो सका। कई उम्मीदवारों की यहां जमानत तक जब्त हो गई। छतीसगढ़ में AAP को लगभग 0.9 percent वोट ही मिले हैं। वही बात करे बीजेपी की तो उसे इस चुनाव में कुल 46.27% वोट मिले वही कांग्रेस की तो उन्हें 42.23% वोट मिले है।
इसी तरह राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने 88 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जिनमें से एक भी जीत हासिल नहीं कर सका है। राजस्थान में पार्टी का वोट प्रतिशत छत्तीसगढ़ से भी बुरा रहा। वहा उन्हें केवल 0.3 % वोट मिले। यहां उनके अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कई जगह AAP के उम्मीदवारों से अधिक वोट NOTA (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प को मिले हैं।
कमोबेश ऐसी ही हालत AAP की मध्य प्रदेश में भी है। यहाँ AAP ने 70 उम्मीदवार उतारे थे। मध्य प्रदेश में सिंगरौली और दमोह सीट पर इसके उम्मीदवारों की बड़ी चर्चा हुई थी। सिंगरौली में AAP की प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान मेयर रानी अग्रवाल जबकि दमोह से चर्चित टीवी एक्ट्रेस चाहत पांडे को टिकट मिला था। चाहत पांडे के कई वीडियो भी वायरल हुए थे।
इतने खराब प्रदर्शन के बाद AAP या फिर केजरीवाल की तरफ से इन चुनाव नतीजों और उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर अभी तक कोई ट्वीट या आधिकारिक बयान नहीं आया है।