नई दिल्ली: भारत के तेजी से बढ़ते लग्जरी इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में टेस्ला की एंट्री एक धीमे नोट पर शुरु हुई, जिसमें कंपनी ने इस वर्ष सितंबर में डिलीवरी शुरू करने के बाद से केवल 157 यूनिट की बिक्री की। सरकार के वाहन पोर्टल के अनुसार, टेस्ला का प्रदर्शन नवंबर में पहले से स्थापित लग्जरी प्लेयर्स बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज से खराब रहा। टेस्ला ने नवंबर में कुल 48 यूनिट की ही बिक्री की।
टेस्ला की तुलना में बीएमडब्ल्यू इंडिया ने नवंबर में 267 ईवी की बिक्री की, जो दिखाता है कि प्रीमियम सेगमेंट में टेस्ला को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। यूएस-बेस्ड ऑटोमेकर ने भारत में अपनी पहली पेशकश के रूप में मॉडल वाई इलेक्ट्रिक एसयूवी लॉन्च की, इस मॉडल के साथ कंपनी का भारत में संचालन शुरू हुआ।

शुरुआती उत्साह के बावजूद कंपनी के बिक्री आंकड़े दर्शाते हैं कि टेस्ला को अभी भी कुछ लंबा इंतजार करना होगा, जिसके बाद ही कंपनी पहले से स्थापित लग्जरी ब्रांड को चैलेंज कर सकेगी। बिक्री में धीमी गति के बावजूद भी टेस्ला भारत में अपने फुटप्रिंट लगातार बढ़ा रही है। बीते हफ्ते ही कंपनी ने अपने पहले ऑल-इन-वन टेस्ला सेंटर को गुरुग्राम में खोलने की घोषणा की।
ग्राहकों को संपूर्ण ऑनरशिप एक्सपीरियंस प्रदान करते हुए गुरुग्राम सेक्टर 48 में ऑर्किड बिजनेस पार्क में नई फैसिलिटी को रिटेल, आफ्टर-सेल्स सर्विस, डिलीवरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं सभी एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाई जाएंगी।

टेस्ला इंडिया के जनरल मैनेजर शरद अग्रवाल ने कहा कि उत्तर भारत में तेजी से बढ़ती टेस्ला कम्युनिटी को सपोर्ट करने की दिशा में गुरुग्राम सेंटर एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी का उद्देश्य लोगों के काम करने, ट्रैवल और डाइन करने की जगहों पर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के साथ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सुविधाजनक बनाना है।
अग्रवाल ने कहा कि टेस्ला का मिशन सस्टेनेबल एनर्जी की ओर बदलाव को गति देना है। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने और एक डायरेक्ट बिजनेस मॉडल का इस्तेमाल करने के साथ कंपनी कस्टमर कॉन्फिडेंस को बढ़ाना चाहती है। साथ ही, भारत में ईवी अपनाने को बढ़ावा देना चाहती है।

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