Raigarh. रायगढ़। घरघोड़ा थाना पुलिस ने रायकेरा गांव में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी को महज 24 घंटे में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों — रविशंकर सिदार और रामप्रसाद सिदार को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। जांच में सामने आया कि यह हत्या एनटीपीसी मुआवजा राशि के बंटवारे को लेकर चले लंबे विवाद के कारण की गई थी। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन और एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में बनी टीम ने इस मामले का खुलासा किया। पुलिस की तत्परता और तकनीकी जांच के चलते यह अंधा कत्ल केस 24 घंटे के भीतर सुलझ गया।।

घटना का खुलासा
3 अक्टूबर को ग्राम रायकेरा के कोटवार सकिर्तन राठिया ने पुलिस को सूचना दी कि गांव के घुराउ राम सिदार (55) और उनकी सास सुखमेत उर्फ सुकमेत सिदार (70) का शव उनके ही घर की परछी में पड़ा है। दोनों की गला दबाकर हत्या की गई थी। सूचना मिलते ही घरघोड़ा पुलिस, एफएसएल टीम और धरमजयगढ़ एसडीओपी मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि दोनों की मौत गला दबाने और मारपीट के कारण हुई है। इस पर थाना घरघोड़ा में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का अपराध (क्रमांक 265/2025 धारा 103(1) बीएनएस) दर्ज किया गया और जांच प्रारंभ हुई।

संदेह से खुलासा तक
पुलिस ने जब मृतक के परिवारजनों और पड़ोसियों से पूछताछ की, तो कई विरोधाभासी बयान सामने आए। संदेह मृतक के बेटे रविशंकर सिदार और रिश्तेदार रामप्रसाद सिदार (83) पर गया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर सघन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान रविशंकर और रामप्रसाद ने हत्या की वारदात स्वीकार कर ली। आरोपियों ने बताया कि एनटीपीसी के अधिग्रहण मुआवजे की रकम के बंटवारे को लेकर कई महीनों से झगड़ा चल रहा था। मृतक घुराउ राम मुआवजा की पूरी राशि अपने नाम रखना चाहता था, जबकि बाकी परिवारजन हिस्सेदारी की मांग कर रहे थे। रामप्रसाद ने रविशंकर को अपने पिता के खिलाफ भड़काया। उसने पहले भी कई बार झगड़े के दौरान अपने पिता की पिटाई की थी। इसी रंजिश में 2 अक्टूबर की शाम को दोनों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई।

हत्या की वारदात
वारदात की रात रविशंकर और रामप्रसाद ने घर में मौजूद घुराउ राम पर अचानक हमला कर दिया। पहले दोनों ने उसकी जमकर पिटाई की और फिर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। जब वृद्धा सुखमेत सिदार ने यह देखा और शोर मचाया तो आरोपियों ने उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने शवों को घर की परछी में छोड़ दिया और घटना स्थल से फरार हो गए।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय सूचना के आधार पर आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की और उन्हें उसी रात हिरासत में ले लिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त रस्सी बरामद की। थाना प्रभारी कुमार गौरव ने बताया कि दोनों आरोपियों- रविशंकर सिदार (26) पुत्र घुराउ राम सिदार, रामप्रसाद सिदार उर्फ गरिहा (83) निवासी रायकेरा मांझापारा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

पुलिस टीम को सफलता
एसपी दिव्यांग कुमार पटेल ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इतनी तेजी से केस सुलझाना पुलिस की तत्परता और प्रोफेशनलिज़्म को दर्शाता है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी कुमार गौरव के साथ एएसआई खेमराज पटेल, एएसआई रामसजीवन वर्मा, प्रधान आरक्षक पारसमणि बेहरा, आरक्षक हरीश पटेल, चंद्रशेखर चंद्राकर, प्रदीप तिग्गा और स्थानीय सहयोगी कालिया गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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