रेल परियोजना के 97 प्रतिशत कार्य पूर्ण

77.5 किमी लंबे तारोकी–रावघाट खंड का अधिकांश कार्य पूरा

रायपुर / छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल को रेलवे से सशक्त कनेक्टिविटी देने वाली दल्लीराजहरा–रावघाट रेल परियोजना का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। 95 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तारोकी से रावघाट खंड की लंबाई 77.5 किलोमीटर है, जिसमें यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। बड़े और छोटे पुलों के साथ-साथ ट्रैक बिछाने का काम अब अंतिम चरण में है, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने की दिशा में ठोस प्रगति हुई है।

इस रेल परियोजना के पूरा होने से बस्तर क्षेत्र पहली बार राज्य की राजधानी से सीधे रेलवे द्वारा जुड़ जाएगा। इससे बस्तर आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और खनिज परिवहन की दिशा में नई गति मिलेगी। बस्तर के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में यह कनेक्टिविटी एक बड़ा बदलाव लाएगी और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होगी।

यह रेलवे लाइन रावघाट लौह अयस्क खदानों और सेल/भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। वर्तमान में दल्लीराजहरा की खदानों से लौह अयस्क की उपलब्धता घट रही है, ऐसे में यह परियोजना न केवल औद्योगिक जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास की रीढ़ साबित होगी। रेल विकास निगम लिमिटेड के अनुसार, 17.5 किलोमीटर भूमि अधिग्रहण कार्य संपन्न हो चुका है। 21.94 लाख घन मीटर मिट्टी कार्य में से अधिकांश पूरा हो चुका है। तीन में से दो बड़े पुल तैयार हो गए हैं, जबकि 61 में से 55 छोटे-मोटे पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। बैलेस्ट प्रोक्योरमेंट और भवन निर्माण कार्य भी अगस्त–सितंबर 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है।

 

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