नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से बुधवार को दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के तहत 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड नंबरों को डिएक्टिवेट कर दिया है।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि किसी भी व्यक्ति को पहले असाइन किया गया आधार नंबर दूसरे व्यक्ति को रि-असाइन नहीं किया जाता है। हालांकि, किसी व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में यह बेहद जरूरी है कि मृत आधार धारक का आधार नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाए। ऐसा करना जरूरी है ताकि मृत व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल किसी भी फ्रॉड गतिविधी या अनाधिकृत तरीके से न हो सके।

इसके अलावा, यूआईडीएआई ने इस वर्ष की शुरुआत में एक नई सुविधा भी लॉन्च की है, जिसके तहत मृत आधार कार्ड धारक की सूचना परिवार के सदस्यों की ओर से दी जा सकती है। यह सुविधा वर्तमान में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मृत आधार कार्ड धारकों के परिवारों को मिल चुकी है। वे इसके लिए मायआधार पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन प्रक्रिया पर अभी काम चल रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि मृत आधार कार्ड धारक के सदस्य को खुद को प्रमाणित करने के बाद, पोर्टल पर आधार नंबर, डेथ रजिस्ट्रेशन नंबर और मृत व्यक्ति की डेमोग्राफिक डिटेल्स को पोर्टल पर सबमिट करनी होगी। परिवार के सदस्य द्वारा प्रदान की गई जानकारियों के सत्यापन की उचित प्रक्रिया के बाद मृत व्यक्ति के आधार नंबर को डिएक्टिवेट करने की प्रक्रिया पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यूआईडीएआई आधार कार्ड धारकों को उनके परिवार के किसी आधार कार्ड धारक सदस्य की मृत्यु की जानकारी मायआधार पोर्टल पर रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। मृत आधार कार्ड धारक के सदस्य डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद इसकी जानकारी पोर्टल पर दे सकते हैं।

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